सात तक भुगतान न होने पर फिर बंद कराएंगे चीनी मिल
हा है। किसानों ने गन्ना मूल्य न बढ़ाए जाने पर भी सरकार की तीखी आलोचना की। इसके अलावा पराली व गन्ने की पत्ती जलाने पर किसानों का उत्पीड़न करने का मुद्दा भी वक्ताओं ने उठाया और किसानों की आरसी जारी होने को रोकने की मांग की।
लखीमपुर : बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान व गन्ना मूल्य में वृद्धि न किए जाने को लेकर किसानों ने बुधवार को दो जगह धरना दिया और ज्ञापन देकर पिछला भुगतान क्लियर करने की मांग की। किसानों ने सात जनवरी 2020 तक पिछला पूरा भुगतान न करने पर पुन: चीनी मिल बंद कराने का अल्टीमेटम दिया है। उधर चीनी मिल प्रशासन का कहना है कि जनवरी के अंत तक पूरा बकाया भुगतान कर सकेंगे।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार क्षेत्र के गन्ना किसान सहकारी गन्ना समिति परिसर में एकत्र हुए। वहां से चलकर कमल सिनेमा चौराहे पर पहुंचे और वहीं पर सड़क पर बैठकर धरना शुरू कर दिया। करीब एक घंटे तक मार्ग जाम करने के बाद सभी किसान वहां से चीनी मिल पहुंचे और गेट के बाहर धरना दे दिया। किसानों ने चीनी मिल के कांटों पर तौल बंद करा दी और मिल के भीतर जो काम हो रहा था उसे भी रोकवा दिया। गन्ने की आपूर्ति भी बंद करा दी। पिछले साल का करीब 180 करोड़ रुपया अभी मिल पर बाकी है। चालू सत्र का भी करीब 100 करोड़ रुपये बकाया हो गया है। पराली व गन्ने की पत्ती जलाने पर किसानों के उत्पीड़न का मुद्दा भी उठा। किसानों की मिल अधिकारियों से बात हुई और उनको किसानों ने सात जनवरी तक पूरा भुगतान करने का अल्टीमेटम दिया। मिल के यूनिट हेड राकेश यादव ने जनवरी के अंत तक पिछला पूरा भुगतान करने की बात कही है।
भीरा : बकाया गन्ना भुगतान को लेकर गुस्साए किसानों ने क्षेत्र के क्रय केंद्रों पर गन्ने की खरीद बंद करा दी है। 11 दिसंबर को रेल गन्ना सेंटर पर 10 बजे किसानों ने पलिया चीनी मिल पर पुराने एवं नए गन्ना मूल्य को लेकर केंद्रों पर हो रही गन्ना तौल बंद करा दी। कटैया चूराटांडा खरीद केंद्र भी बंद हो गया।