बॉर्डर से लेकर शहर तक चप्पे-चप्पे पर तैनात रही पुलिस
डीएम-एसपी ने शहर और खीरी कस्बे का किया निरीक्षण ड्रोन कैमरे से हुई निगरानी। सर्तकता बरतते हुए इंडो-नेपाल बॉर्डर से लेकर जिला मुख्यालय तक चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई थी।
लखीमपुर: अयोध्या में राम जन्मभूमि के शिलान्यास कार्यक्रम को देखते हुए दिनभर सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चाक-चौबंद रही। सर्तकता बरतते हुए इंडो-नेपाल बॉर्डर से लेकर जिला मुख्यालय तक चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई थी। डीएम शैलेंद्र कुमार ¨सह और एसपी सतेंद्र कुमार ने शहर के संकटा देवी पुलिस चौकी के साथ ही आसपास भ्रमण कर अधिकारियों से हालात की जानकारी ली। इसके बाद दोनों अधिकारी एलआरपी चौराहा पहुंचे, जहां पर भ्रमण कर जायजा लिया। दोनों अधिकारी डेढ़ से दो घंटे तक गाड़ियों से भ्रमण करते रहे। इसके बाद मिश्रित आबादी वाले खीरी कस्बे में डीएम-एसपी ने पहुंचकर हालात का जायजा लिया। वहीं गौरीफंटा सहित नेपाल से जुड़े आवागमन के तमाम रास्तों पर एसएसबी और स्थानीय पुलिस ने पूरी मुस्तैदी से सुरक्षा इंतजामों को मजबूत किया। इधर, शहर कोतवाल अजय मिश्र ने बताया कि जिला मुख्यालय पर सतर्कता बरतते हुए 10 संवेदनशील चौराहों को चिन्हित करते हुए पिकेट बनाकर पुलिस तैनात की गई थी। वहीं पुलिस की 10 मोबाइल टीमें मंगलवार रात 12 बजे से लेकर लगातार शहर में भ्रमण करते रहीं। पुलिस ने एक ड्रोन कैमरे को उड़ा कर शहर में हो रही गतिविधियों पर पूरी नजर रखी। इसके अलावा सभी तहसील क्षेत्रों में एसडीएम और सीओ ने भी भ्रमण कर पूरी नजर रखी। नीव पूजन पर भारत नेपाल बार्डर पर रही विशेष सुरक्षा अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीव पूजन किया। इसके मद्देनजर बार्डर पर विशेष सतकर्ता रही। सुरक्षाकर्मियों के साथ श्वान दस्ता भी मौजूद रहा और बार्डर तक आने-जाने वाले लोगों की सघन जांच की गई। इसके अलावा दुधवा -गौरीफंटा मार्ग पर आने जाने वाले वाहनों की तलाशी ली गई। साथ ही नेपाल के किसी को भी भारत नही आने दिया गया। अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया शुरु हो गई है। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने बुधवार को उसकी आधारशिला रखी। इस दौरान देश विरोधी तत्वों द्वारा आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के इनपुट के बाद कई दिन से बार्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी। मुरादाबाद में पीएसी के आईजी अमित चंद्रा कई दिनों से इलाके में डेरा डाले हुए है और पीलीभीत से लेकर तिकोनिया तक बार्डर की गतिविधियों पर नजर रखे रहे ।