थमने का नाम नहीं ले रही ओवरलोडिग
टैक्सियों में बाहर तक लटककर सफर करते हैं लोग। ऐसे में कभी भी कहीं कोई बड़ा हादसा हो जाए तो आश्चर्य की बात ही क्या।
लखीमपुर : शहर में ओवरलोडिग पर कितने भी अभियान चलाए जाएं, अंकुश लगाया जाए लेकिन, ओवरलोडिग थमने का नाम नहीं ले रही है। इतना ही नहीं सवारी ढोने वाले वाहन भी बाहर तक सवारियां लटकाकर चल रहे हैं। ऐसे में कभी भी कहीं कोई बड़ा हादसा हो जाए तो आश्चर्य की बात ही क्या। हम बात कर रहे हैं शहर के गांधी विद्यालय के निकट स्थित डग्गामार वाहनों के टैक्सी स्टैंड की, जहां से सिसैया, धौरहरा, खमरिया, नानपारा आदि जगहों के लिए सवारियां जाती हैं। इतना ही नहीं यही ²श्य रेलवे स्टेशन से गोला जाने वाली टैक्सियों पर भी देखे जा सकते हैं, जहां लोग बाहर तक लटककर अपनी यात्रा पूरी करते हैं।
शहर के प्रमुख बाईपास या प्रवेश द्वारों पर ओवरलोड ट्रक कभी भी देखे जा सकते हैं। ज्यादातर यह ट्रक मेला रोड पर निकलते हैं। गन्ने का सीजन शुरू होने वाला है और फिर ऐसे ²श्य आम होंगे। जब ओवरलोड ट्रॉली और ट्रक सड़क पर तेजी से दौड़ रहे होंगे। अक्सर लकड़ियां लादे हुए भी ओवरलोड ट्रक देखने को मिल जाते हैं। दूसरी जगह राजापुर का चौराहा है, जहां से बस्ती मार्ग पर ट्रकों का आवागमन होता है। यहां पर तो निजी बस चालक भी ओवरलोड सवारियां लेकर अक्सर निकलते हैं। वैसे ओवरलोडिग शहर के लगभग हर रास्ते पर हो रही है। इससे कभी भी किसी बड़े हादसे से इन्कार नहीं किया जा सकता। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी रमेश कुमार चौबे का कहना है कि हर महीने अभियान चलाकर ओवरलोडिग का चालान किया जाता है। इस बार के सड़क सुरक्षा सप्ताह में भी लोगों को चेतावनी दी गई है कि एक साथ दो-दो ट्रॉली जोड़कर या ओवरलोडिग लेकर बिल्कुल न निकलें।