पंजीकरण प्रक्रिया धान खरीद में सबसे बड़ी बाधा
लखीमपुर: सरकारी सेंटरों पर धान खरीद की स्थिति यूं ही बदहाल नहीं है। इसमें किसानों के
लखीमपुर: सरकारी सेंटरों पर धान खरीद की स्थिति यूं ही बदहाल नहीं है। इसमें किसानों के पंजीकरण का प्रावधान सबसे बड़ी बाधा है। दरअसल किसानों को धान बेचने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराना पड़ता है, जो किसानों की समझ में नहीं आ रहा। अब तक सिर्फ 5200 किसानों ने ही पंजीकरण कराया है। बात सिर्फ इतनी भर नहीं है, ऑनलाइन पंजीकरण के बाद उनके आवेदन का सत्यापन भी किसानों के आगे लोहे के चने चबाने से कम नहीं। कभी साहब तो कभी बाबू गायब। अब किसान भटके तो उसकी बला से। ऐसी स्थिति में धान खरीद रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है। प्रशासन के 10 नवंबर तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले में धान खरीद की प्रक्रिया सुस्त है। आवंटित लक्ष्य 1.32 लाख मीट्रिक टन के सापेक्ष 40 क्रय केद्रों पर महज 3800 एमटी धान खरीदा जा सका है। जो 1.10 प्रतिशत ही है। कागजों में दर्शाया गया है कि इस प्रक्रिया के तहत अब तक महज 410 किसानों को ही लाभान्वित किया जा सका है। फिलहाल यह आंकड़ा बताने को काफी है कि जिले के ग्रामीण इलाकों में धान खरीद की प्रक्रिया रेंग रही है। नतीजतन, सरकार द्वारा तय धान की सरकारी कीमत 1750 रुपये पाने के लिए किसान दर-दर भटक रहा है लेकिन, अफसरों को किसानों की परेशानी की कोई ¨चता नहीं है। इसका सहज अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिन किसानों ने सरकारी प्रक्रिया के तहत अपना धान बेचने के लिए पंजीकरण कराया है, उन किसानों को सत्यापन कराने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
एजेंसीवार जिले में धान खरीद की स्थिति
-खाद्य विभाग के 17 क्रय केंद्रों में संचालित 16 पर अब तक 531 मीट्रिक टन हुई खरीद
-पीसीएफ के 44 क्रय केंद्रों में संचालित आठ पर अब तक 729 मीट्रिक टन की खरीद
-एग्रो के दो क्रय केंद्रों संचालित एक पर अब तक महज दो मीट्रिक टन की खरीद
-एसएफसी के छह क्रय केंद्रों में चार पर अब तक 140 मीट्रिक टन धान की खरीद
-कर्मचारी कल्याण निगम के पांच क्रय केंद्रों में तीन पर अब तक 58 मीट्रिक टन खरीद
-एनसीसीएफ के तीन क्रय केंद्रों में एक पर अब तक 193 मीट्रिक टन की खरीद
-यूपी कोआपरेटिव के 22 केंद्रों में छह पर अब तक 463 मीट्रिक टन धान खरीदा
-भारतीय खाद्य निगम के दो केंद्रों संचालित एक पर 11 मीट्रिक टन खरीदा गया जिम्मेदार की सुनिए
एडीएम अरुण कुमार ¨सह का कहना है कि धान खरीद की प्रक्रिया तेज हो रही है। इसलिए आंकड़ा भी बदल रहा है। अब 52 सौ किसानों ने ऑनलाइन पंजीकरण करा लिया है। सत्यापन का कार्य भी तेजी से हो रहा है। प्रयास यही किया जा रहा है कि शासन के तय मानकों पर ज्यादा से ज्यादा धान खरीदा जा सके।