हर हाल में टाइगर रिजर्व से हटाइए गौड़ियां
जहां हजारा की जलाई गई गौडियों पर पहुंचकर गौडी संचालकों से पूछताछ की। डीडी बफरजोन के मुताबिक संपूर्णानगर क्षेत्र के टाटरगंज में 12, बम्हनपुर में चार, कबीरगंज में 12 तथा हजारा में आठ गौड़ियां वर्षों से स्थापित हैं। यहां पूर्व में मरे हुए मवेशियों को आग में मरा बता दिया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आग
लखीमपुर: संपूर्णानगर रेंज में जंगल के भीतर गौड़ियों का छप्पर फूंके जाने का मामला गंभीर हो गया है। पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ सुनील पांडेय के दौरे के बाद शनिवार को फील्ड डायरेक्टर दुधवा रमेश पांडेय, डीडी बफरजोन डॉ. अनिल पटेल और दुधवा पार्क के डीडी महावीर कौजलगि मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का मुआयना कर तमाम जानकारियां जुटाई। मवेशियों की मौत और छप्पर जलाए जाने की प्रथम दृष्टया छानबीन में यह अंदेशा जताया जा रहा है कि झोपड़ियों को बार-बार हटाने की चेतावनी देने के कारण वनकर्मियों को फंसाने के लिए साजिशन यह आरोप लगाया गया।
अधिकारी पशु डॉक्टरों की टीम के साथ हजारा व टाटरगंज पहुंचे। जहां हजारा की जलाई गई गौडियों पर पहुंचकर गौड़ी संचालकों से पूछताछ की। डीडी बफरजोन के मुताबिक संपूर्णानगर क्षेत्र के टाटरगंज में 12, बम्हनपुर में चार, कबीरगंज में 12 तथा हजारा में आठ गौड़ियां वर्षों से स्थापित हैं। यहां पूर्व में मरे हुए मवेशियों को आग में मरा बता दिया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आग से टाटरगंज के चार मवेशियों में सिर्फ एक जानवर का पेट व गर्दन झुलसने की बात सामने आई है। बम्हनपुर में पहले से मरे मवेशियों को आग से मरा बताया जा रहा है। हजारा में एक भी मवेशी आग से मरे नहीं पाए गए हैं। पूछताछ में गौड़ी संचालकों ने वन विभाग पर मिलीभगत से गौडि़या बैठाने का आरोप लगाया लेकिन, डीडी ने कहा कि पहले जैसी स्थिति रही हो पर आज यह क्षेत्र टाइगर रिजर्व का हिस्सा है। पूर्व में कई बार में गौड़ियों को हटाने के निर्देश दिए जा चुके हैं। हालांकि अधिकारियों ने गौडी संचालकों के अलग-अलग बयान दर्ज किए। डीडी ने कहा कि वनभूमि से हर हाल में गौड़ियों को हटाया जाएगा।