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लखीमपुर खीरी हिंसा केस: जमानत के बावजूद दिल्ली-NCR और UP में नहीं रह सकते आशीष मिश्रा, इन शर्तों पर आएंगे बाहर

Ashish Mishra Bail Lakhimpur Kheri सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को लखीमपुर हिंसा मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को 8 हफ्ते की जमानत दे दी है। आदेश के अनुसार आशीष मिश्रा जमानत के बाद दिल्ली एनसीआर और उत्तर प्रदेश में नहीं रहेंगे।

By Jagran NewsEdited By: Nitesh SrivastavaPublished: Wed, 25 Jan 2023 11:54 AM (IST)Updated: Wed, 25 Jan 2023 11:54 AM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर हिंसा मामले में आशीष मिश्रा को शर्तों के साथ अंतरिम जमानत दे दी है। जागरण

जागरण ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को लखीमपुर हिंसा मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को 8 हफ्ते की जमानत दे दी है। आशीष को कुछ शर्तों पर जमानत दी गई है। जानकारों की मानें तो मिश्रा की रिहाई में दो से तीन दिनों का समय और लग सकता है। संभावना जताई जा रही है कि 26 जनवरी के बाद ही जेल से बाहर आ सकेंगे। ऐसे में जानते हैं कि उन्हें किन शर्तों पर जमानत दी गई है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आशीष पर लखीमपुर में 5 किसानों को अपनी कार से कुचलने का आरोप लगा है।

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार आशीष मिश्रा के लिए यह शर्त है कि वह जमानत के बाद दिल्ली एनसीआर और उत्तर प्रदेश में नहीं रहेंगे। जमानत मिलने के एक हफ्ते के बाद उन्हें प्रदेश को छोड़ना होगा। कोर्ट ने यह निर्देश दिया है कि आशीष को अपनी लोकेशन के बारे में संबंधित न्यायालय को जानकारी देनी होगी। इसके अलावा यह शर्त भी लगाई गई है कि यदि आशीष मिश्रा या उनका परिवार मामले से जुड़े किसी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश की तो जमानत को रद्द कर दिया जाएगा।

पीठ ने निर्देश दिया कि आरोपी और उनके वकील मुकदमे की कार्यवाही के दौरान निचली अदालत को पूरा सहयोग देंगे। इसने ट्रायल कोर्ट को यह भी निर्देश दिया कि वह प्रत्येक तारीख पर पेश किए गए गवाहों के विवरण के साथ शीर्ष अदालत को प्रगति रिपोर्ट भेजे।

साथ ही यह भी हिदायत दी गई है कि यदि ट्रायल में देरी कराने की कोशिश की तो उस स्थिति में भी जमानत को रद्द कर दिया जाएगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर 19 जनवरी को ही अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान आशीष की तरफ पेश हुए मुकुल रोहतगी ने कहा था कि उनके मुवक्किल पिछले एक साल से जेल में बंद हैं और जिस तरह से सुनवाई हो रही है उसके हिसाब से इसमें 7-8 साल का समय लगेगा। उन्होंने कहा कि आशीष न ही अपराधी हैं और न ही उनका कोई ऐसा इतिहास है।

गौरलतब है कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले में 3 अक्टूबर को हिंसा हुई थी। आशीष मिश्रा पर आरोप है कि उनके इशारे पर प्रदर्शनकारी किसानों पर जीप चढ़ाई गई। जिसमें चार लोगों की मौत हुई थी। इस हिंसक घटना में 8 लोगों की जान गई थी।


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