सिविल जज ने दिलाई बंदियों को संविधान की शपथ
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा सोमवार को जिला कारागार में बंदियों को कानूनी जानकारी देने के लिए विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें प्राधिकरण की सचिव व सिविल जज सीनियर डिवीजन सीमा सिंह ने बंदियों को संविधान के उद्देश्यों की शपथ दिलाई। मुख्य अतिथि एडीजे परवेज अख्तर ने बंदियों को कानूनी जानकारी देते हुए बताया कि जो भी बंदी जिन परिस्थितियों में जिला कारागार में निरुद्ध हैं और उन बंदियों के पास धन व पैरवी के अभाव में अधिवक्ता मुकदमों की पैरवी के लिए उपलब्ध नहीं हैं ऐसे बंदियों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा मुकदमे की पैरवी के लिए निश्शुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जाता है जो बंदी के मुकदमे के निस्तारण होने तक मुकदमे की पैरवी करेगा। प्राधिकरण के सचिव सिविल जज सीनियर डिवीजन सीमा सिंह ने बंदियों को संविधान के उद्देश्यों की शपथ दिलाई।
लखीमपुर : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा सोमवार को जिला कारागार में बंदियों को कानूनी जानकारी देने के लिए विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें प्राधिकरण की सचिव व सिविल जज सीनियर डिवीजन सीमा सिंह ने बंदियों को संविधान के उद्देश्यों की शपथ दिलाई। मुख्य अतिथि एडीजे परवेज अख्तर ने बंदियों को कानूनी जानकारी देते हुए बताया कि जो भी बंदी जिन परिस्थितियों में जिला कारागार में निरुद्ध हैं और उन बंदियों के पास धन व पैरवी के अभाव में अधिवक्ता मुकदमों की पैरवी के लिए उपलब्ध नहीं हैं, ऐसे बंदियों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा मुकदमे की पैरवी के लिए निश्शुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जाता है, जो बंदी के मुकदमे के निस्तारण होने तक मुकदमे की पैरवी करेगा। प्राधिकरण के सचिव सिविल जज सीनियर डिवीजन सीमा सिंह ने बंदियों को संविधान के उद्देश्यों की शपथ दिलाई। बंदियों की समस्याओं से भी रूबरू हुईं। इस मौके पर बंदी हुकुम सिंह ने अधिवक्ता द्वारा मुकदमे की पेरवी न करने की समस्या रखी। बंदी अवधेश तिवारी ने मुकदमे की पैरवी के लिए सरकारी वकील की मांग की। थाना हैदराबाद निवासी बंदी काशी ने अपनी समस्या बताते हुए बताया कि उसके परिवार वाले कुछ लोग जुल्म कर रहे हैं, जिसके बाबत कार्रवाई किए जाने की गुहार लगाई। कार्यक्रम का संचालन करते हुए अधिवक्ता मो. सईद खान ने कानूनी जानकारी देते हुए बताया कि अपराध में निर्धारित सजा का आधा समय बिता चुके बंदी जमानत पाने के अधिकारी हैं।
न्यायिक अधिकारी अमृषा श्रीवास्तव ने बंदियों को कानूनी जानकारी देते हुए बताया कि जिन बंदियों की जमानत स्वीकार हुए दो माह से अधिक का समय हो चुका है और जमानतदारों के अभाव में रिहाई नहीं हो पा रही है, ऐसे बंदी जेलर के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को प्रार्थना पत्र दे सकते हैं। उनके प्रार्थनापत्र पर विचार कर मुचलके पर रिहा किया जा सकता है। कार्यक्रम में जेलर पंकज कुमार सिंह ने बंदियों को जेल मैन्युवल के बारे में जानकारी देते हुए बंदियों को मिलने वाली सहूलियतों की जानकारी दी। इस मौके पर सैकड़ों बंदी व जेल स्टाफ मौजूद रहे।