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सारे दावे फेल, नहीं शुरू हुई धान की खरीद

लखीमपुर मोहम्मदी (लखीमपुर) धान खरीद की शुरूआत से ही धीमी चाल प्रशासन की एक और मुसीबत बन

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 11:35 PM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 11:35 PM (IST)
सारे दावे फेल, नहीं शुरू हुई धान की खरीद

लखीमपुर: मोहम्मदी (लखीमपुर): धान खरीद की शुरूआत से ही धीमी चाल प्रशासन की एक और मुसीबत बन सकती है। ऐसी सूचना पाकर एडीएम सोमवार की सुबह जब लखीमपुर की राजापुर मंडी में गए तो उनको यहां बनाए गए अधिकतर खरीद केंद्रों पर सन्नाटा पसरा ही नजर आया। बाह में से एक केंद्र पर ही एक ट्राली खड़ी नजर आई बाकी जगह सब खाली पड़ा रहा।

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इस पर नाराजगी जताते हुए एडीएम ने कार्रवाई करने की भी बात कही। ये भी नहीं पता चल पाया कि अब तक जिले भर में कुल कितनी खरीद हुई है। जिले के 144 खरीद केंद्रों पर इस बार धान खरीद होनी है और कोई भी लक्ष्य तय नहीं है।

मोहम्मदी: आवंटित 10 क्रय केंद्रों में से किसी भी क्रय केंद्र पर धान की खरीद शुरू नहीं हो सकी है। केंद्रों पर केवल दिखावे के लिए ही बैनर लगा टांग दिए गए हैं। किसी भी क्रय केंद्र पर धान नहीं है। किसान तो मंडी में लगे सरकारी क्रय केंद्रों पर जाते हैं, लेकिन वहां पर कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं मिलते। इसपर मंडी समिति के कार्यवाहक सचिव विवेक मिश्रा से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि अभी मिल का अटैचमेंट, हैंडलिग ठेका, परिवहन का ठेका नहीं हुआ। इस कारण अभी तक धान खरीद शुरू नहीं हो सकी। जब खरीद शुरू हो जाए तब किसान अपना पंजीकरण करवाकर टोकन लेकर मंडी में आएं। हमारी मंडी के अंदर 10 सेंटर लगे हुए हैं जिसमें से विपणन शाखा के चार, पीपीएफ का एक, यूपीपीसीयू के चार, उत्तर प्रदेश राकृउ मंडी परिषद का एक, कुल मिलाकर 10 सरकारी क्रय केंद्र स्वीकृत हुए हैं लेकिन, अभी तक किसी पर भी खरीद शुरू नहीं हो पाई। मंडी समिति के अंदर धान को उठाने वाले पंखे पर जंग लगा हुआ है। धान की सफाई करने वाली मशीनों में कूड़ा भरा हुआ है। यहां तक कि मंडी परिषद के भवन के बाहर भी पडे उपकरणों के ऊपर पान, पुड़िया थूककर उनको भी गंदा किया हुआ है। खरीद न होने से किसान काफी परेशान हैं। औने- पौने दामों पर क्षेत्र के किसान अपनी धान की फसल बेंच रहे हैं। जिसपर मिल मालिक अपनी मर्जी से 1200 और 1300 रुपये में धान की फसल खरीद रहे हैं। मोहम्मदी क्षेत्र के आसपास की राइस मिलों के बाहर दर्जनों ट्रालियां खड़ी हैं। जिससे किसान दिन रात लाइन में लगकर अपनी धान की फसल औने- पौने दामों पर बेचने को मजबूर हैं। किसानों का कहना है कि जब हम सभी किसानों की फसल मिल मालिक खरीद लेंगे। तब जाकर सरकारी सेंटर शुरू होंगे और हमारे द्वारा बेंची गई फसल को ही बिचौलिए सरकारी दामों पर बेचेंगे। इस संबंध में एसडीएम पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि मंडी पहुंचकर इस मामले को गंभीरता से लिया जाएगा।


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