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लो-वोल्टेज, ट्रिपिग से शहरवासियों की नींद हराम, अफसर बेपरवाह

लो-वोल्टेज ट्रिपिग से शहरवासियों की नींद हराम अफसर बेपरवाह 33 की जगह मिल रहा सिर्फ 31 केवीए वोल्टेज। लखीमपुर शहर में हर रोज शाम छह बजे लेकर रात करीब 12 बजे तक लो-वोल्टेज और ट्रिपिग की समस्या गहरा जाती है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Jul 2020 10:59 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jul 2020 10:59 PM (IST)
लो-वोल्टेज, ट्रिपिग से शहरवासियों की नींद हराम, अफसर बेपरवाह
लो-वोल्टेज, ट्रिपिग से शहरवासियों की नींद हराम, अफसर बेपरवाह

लखीमपुर : 39 डिग्री तापमान के बीच लखीमपुर शहर में लो-वोल्टेज और ट्रिपिग की समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है। यह समस्या ट्रांसमिशन के अधिकारियों के गंभीरता दिखाने पर दूर भी हो सकती है, लेकिन वे बिजली की बढ़ती समस्या के बावजूद ध्यान नहीं दे रहे हैं।

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लखीमपुर शहर में हर रोज शाम छह बजे लेकर रात करीब 12 बजे तक लो-वोल्टेज और ट्रिपिग की समस्या गहरा जाती है। यही वह समय होता है जब दिनभर की थकान के बाद लोग आराम करते हैं। वितरण खंड के अधिकारियों का कहना है कि छाउछ स्थित ट्रांसमिशन के 132 केवी पावर हाउस से 33 केवीए की जगह सिर्फ 31 केवीए ही बिजली मिल पा रही है। चूंकि इसी समय में शहर के साथ ग्रामीण इलाकों को भी बिजली सप्लाई देनी है। इसलिए बिजली सप्लाई लगातार की जा रही है। दोनों जगहों पर बिजली सप्लाई देने के कारण पहले से लो-वोल्टेज से जूझ रहे शहरवासियों को ट्रिपिग की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। पिछले एक सप्ताह से शाम छह बजे के बाद लो वोल्टेज के कारण घरों के पंखे डोलने लगते हैं। वहीं हर 10 से 15 मिनट के बाद ट्रिपिग लोगों की परेशानी और बढ़ा रही है। वितरण खंड के अधिकारियों ने ट्रांसमिशन के अधिशासी अभियंता से लो वोल्टेज की समस्या का मुद्दा उठाया लेकिन इसमें कोई सुधार नहीं दिख रहा है ट्रांसमिशन के अधिकारियों ने सिस्टम कंट्रोल को एक बार भी पत्र भेजकर वोल्टेज की समस्या दूर करने की मांग नहीं की है।

लोकल स्तर पर सुधार सकती है समस्या

वैसे तो लो वोल्टेज और ट्रिपिग की समस्या गर्मी के दिनों में हर साल बनी रहती है, लेकिन पाच साल पहले तत्कालीन अधिकारियों ने लोकल स्तर पर छाउछ से शहरी फीडरों की बिजली एक या दो घंटे कटौती कर काफी हद तक हालात संभाल लिया था। मौजूदा समय में अधिकारी सिर्फ सिस्टम कंट्रोल से मिल रही बिजली के भरोसे रहकर अपनी ओर से प्रयास नहीं कर रहे हैं। जिम्मेदार की सुनिए

एसडीओ टाउन अनुराग शर्मा का कहना है कि ट्रांसमिशन के अधिकारियों से कई बार अनुरोध किया जा चुका है। वे कहते हैं कि उन्हें कंट्रोल से लोकल स्तर पर रोस्टर बनाने का अधिकार नहीं है। जब तक फीडर को 33 केवीए बिजली नहीं मिलेगी, तब तक लो-वोल्टेज की समस्या बनी रहेगी। कम वोल्टेज के कारण बिजली लाइन भी खूब टूट रही। जिससे बेवजह बिजली कटौती हो रही है।


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