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अयोध्यापुर व ¨सगहा में बाघ के पगचिह्नों की पुष्टि

लखीमपुर : महेशपुर रेंज में गन्ने के खेतों में बाघ के विचरण करने की घटनाएं थम नहीं र

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 10:48 PM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 10:48 PM (IST)
अयोध्यापुर व ¨सगहा में बाघ के पगचिह्नों की पुष्टि
अयोध्यापुर व ¨सगहा में बाघ के पगचिह्नों की पुष्टि

लखीमपुर : महेशपुर रेंज में गन्ने के खेतों में बाघ के विचरण करने की घटनाएं थम नहीं रही हैं। जिससे ग्रामीणों में बाघ की दहशत बनी हुई है। बुधवार को सुबह किसानों ने दो स्थानों पर बाघ के पग चिन्ह देखे, तो उनके माथे पर ¨चता की लकीरें ¨खच गईं। सुबह काम पर निकले ग्रामीणों ने अयोध्यापुर के पश्चिम श्याम मनोहर के खेत में बाघ के पग मार्क देखे। उधर ¨सगहा के पास राधेश्याम के खेत के पास भी बाघ के पग मार्क देखे गए। वनकर्मी श्याम किशोर शुक्ला व राधेश्याम ने बाघ के पगचिन्हों की पुष्टि की। साथ ही बताया कि बाघ के पग मार्क जंगल की तरफ जाने के संकेत दे रहे हैं। किसानों को शीघ्र पर्चियां उपलब्ध कराने की मांग

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महेशपुर रेंज में जंगल से निकली कठिना नदी से सटे करीब तीन दर्जन गांवों के किसानों की प्रमुख फसल गन्ना है। बाघ, तेंदुआ आदि ¨हसक वन्य जीवों की यह फसल पनाह स्थली है। उनके खेत जल्दी खाली हों तो ¨हसक पशुओं से बचाव हो सके। इसे लेकर फार्मर अनिल ¨सह, इंद्रजीत ¨सह, अमरीक ¨सह, नरेंद्र ¨सह, इकबाल ¨सह, साधु ¨सह आदि का कहना है कि प्रशासन पुराने प्रस्ताव के अनुसार मिलों को गन्ना सप्लाई के लिए शीघ्र पर्ची दिलाए तो गन्ने का रकबा कम हो जाएगा। साथ ही बाघ के पनाह का क्षेत्रफल खुला हो जाएगा। जिससे ¨हसक पशु जंगलों की ओर चले जाएंगे और मानव जीवन सुरक्षित हो सकेगा।


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