महेशपुर का बाघ शांत, मैलानी में तेंदुआ सक्रिय
लखीमपुर : महेशपुर रेंज में ग्रामीणों के लिए आतंक का पर्याय बना बाघ और बाघिन इन दिनों ज
लखीमपुर : महेशपुर रेंज में ग्रामीणों के लिए आतंक का पर्याय बना बाघ और बाघिन इन दिनों जंगल में मौजूद हैं। चीफ कंजरवेटर के प्रवीण राव ने इनकी तस्वीरें भी कैद की हैं। क्षेत्र में इन दिनों बाघ बाघिन का दखल कम है लेकिन, दूसरी ओर मैलानी रेंज में तेंदुआ इन दिनों बेहद सक्रिय हो गया है। तेंदुए की चहलकदमी जंगल के बजाय गन्ने के खेतों में बनी है। एक दिन पहले ही तेंदुए ने दलदल में फंसी भैंस को अपना शिकार बनाया था। तेंदुए के शिकार के कारण ग्रामीण इस कदर दहशतजदा हैं कि वह खेतों की ओर नहीं जा पा रहे हैं। मैलानी रेंज के कर्मचारी कांबिंग कर रहे हैं फिर भी ग्रामीणों के मन से दहशत कम नहीं हो रही है। करीब एक माह पहले तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग की ओर से पिजड़ा भी लगाया गया। लेकिन वनकर्मी इसमें नाकाम रहे। बता दें कि महेशपुर व मैलानी रेंज में इस समय ¨हसक वन्य जीव जंगल छोड़कर गन्ने के खेतों में डेरा जमाए हैं। महेशपुर रेंज में तो बाघ-बाघिन व तीन शावक मौजूद हैं। आए दिन ग्रामीण इलाकों में इनकी चहलकदमी बनी रहती है। गाहे बगाहे बाघ व बाघिन द्वारा मवेशियों के शिकार की घटना सामने आती रहती है। हालांकि पिछले एक पखवाड़े से शिकार की कोई घटना नहीं सामने आई है लेकिन, मैलानी रेंज में तेंदुआ पिछले चार दिन से बेहद सक्रिय होकर खेतों में घूम रहा है। एक दिन पहले ही चौथीपुर गांव के छोटे लाल की भैंस पर हमला कर उसे मार डाला था। इस घटना से लोग बेहद डरे हुए हैं। एसडीओ गोला रविशंकर शुक्ला का कहना है कि गोला व मैलानी का जंगल आपस में जुड़ा हुआ है। वन्य जीव एक जंगल से दूसरे जंगल में आया जाया करते हैं। कहीं भी इंसानों के ऊपर हमले की घटना नहीं हुई है।