प्रत्याशियों के साथ मतदाताओं की भी बढ़ रही है बेचैनी
विपिन बिहारी गुप्ता मैगलगंज (लखीमपुर) कस्ता विधानसभा में किसी भी राजनीतिक दल की पार्टी के
विपिन बिहारी गुप्ता , मैगलगंज (लखीमपुर): कस्ता विधानसभा में किसी भी राजनीतिक दल की पार्टी के प्रत्याशियों की अधिकृत घोषणा नहीं हुई है। जिससे प्रत्याशियों के साथ-साथ मतदाता और कार्यकर्ता बेचैन हैं।
2012 में कस्ता विधानसभा सीट का नवसृजन किया गया था। जिसमें मोहम्मदी विधानसभा हैदराबाद विधानसभा एवं सदर विधानसभा का कुछ हिस्सा लिया गया था। कस्ता विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी। नवनिर्मित सीट पर मितौली के ही सुनील लाला भार्गव ने 45 प्रतिशत वोट हासिल करते हुए बसपा से चुनाव लड़ रहे सौरभ सिंह सोनू को 26871 वोटों से हराकर कस्ता विधानसभा सीट पर पहले विधायक होने का गौरव हासिल किया था। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी बंशीधर राज तीसरे और निवर्तमान भाजपा विधायक कृष्णा राज चौथे नंबर पर खिसक गई थीं।
2017 आते-आते वक्त ने करवट ली। सौरभ सिंह सोनू बसपा को छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर पार्टी में शामिल हो गए। 2017 में भाजपा ने उन्हें अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया। सौरभ सिंह ने चुनाव में सुनील भार्गव को 92824 मत पाकर 24273 मतों से हराकर यह सीट भाजपा की झोली में डाल दी जबकि बसपा के राजेश कुमार गौतम 41778 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।
ये हैं टिकट की कतार में दावेदार
किसी भी दल द्वारा अभी तक अधिकृत प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की गई है। जिससे प्रत्याशियों में बेचैनी देखी जा सकती है। आने वाले 23 फरवरी के लिए पार्टी किसे टिकट देती है? जहां भाजपा में सौरभ सिंह सोनू के साथ सुजीता कुमारी, अवधेश कुमार (पप्पू भैया), रविद्र कनौजिया आदि नाम भी लाइन में हैं। वहीं समाजवादी पार्टी के प्रमुख रूप से पूर्व विधायक सुनील भार्गव एवं पूर्व मंत्री बंशीधर राज के बेटे श्री कृष्ण राज(वैज्ञानिक) लाइन में हैं। बसपा से मितौली के ही दिनेश भार्गव टिकट मांग रहे थे और उन्होंने अपनी तैयारी भी शुरू कर दी थी लेकिन, कुछ दिन पूर्व ही बसपा हाईकमान ने उन्हें पार्टी से ही निष्कासित कर दिया जिससे बसपा प्रत्याशी को लेकर भी अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। जैसे ही पार्टियां अपने उम्मीदवारों की घोषणा करेंगी फिर से नए समीकरण के साथ पार्टी प्रत्याशी चुनाव के माहौल को गर्म कर देंगे। बढ़ी हुई सर्दी और प्रत्याशियों की अधिकृत घोषणा न होने से मतदाताओं में भी बेचैनी बढ़ा रही है। सभी समर्थक अपने-अपने प्रत्याशी को टिकट मिलने का दावा कर रहे हैं। देखना यह है कि अंतिम मोहर किस प्रत्याशी पर लगती है। प्रत्याशियों की घोषणा के बाद समर्थकों में भी बदलाव होना तय माना जा रहा है।