यूपी की वो VIP सीट, जहां खास चेहरों ने की नुमाइंदगी; क्या इस बार भाजपा तोड़ देगी सपा-कांग्रेस का रिकॉर्ड?
खीरी संसदीय सीट के वीआइपी बनने की नींव वर्ष 1962 के चुनाव के दौरान ही तब पड़ गई थी जब यहां से कांग्रेस ने बाल गोविंद वर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया। दरअसल 1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में ये सीट कांग्रेस ने जीती थी पर पांच साल बाद दूसरी लोकसभा के गठन को हुए चुनाव में प्रजातांत्रिक सोसलिस्ट पार्टी ने कांग्रेस से ये सीट छीन ली थी।
पूर्णेश वर्मा, लखीमपुर। 18वीं लोकसभा के गठन से पहले एक महत्वपूर्ण तथ्य जिले की राजनीति से जुड़ा है, जिसका जिक्र समीचीन है। खीरी लोकसभा में नुमाइंदगी करने वाले ज्यादातर चेहरे खास रहे हैं। चाहे कांग्रेस के सुनहरे दौर में यहां से सांसद रहे स्व. बाल गोविंद वर्मा हों या फिर आज अजय मिश्र टेनी और इनके बीच के भी कई सांसद, सभी राजनीति में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान रखने वाले चेहरे रहे हैं।
खीरी संसदीय सीट के वीआइपी बनने की नींव वर्ष 1962 में तीसरी लोकसभा के गठन को हुए चुनाव के दौरान ही तब पड़ गई थी, जब यहां से कांग्रेस ने बाल गोविंद वर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया। दरअसल 1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में ये सीट कांग्रेस ने जीती थी, पर पांच साल बाद दूसरी लोकसभा के गठन को हुए चुनाव में प्रजातांत्रिक सोसलिस्ट पार्टी ने जीत दर्ज कर कांग्रेस से ये सीट छीन ली थी।
तब तीसरी लोकसभा के गठन को हुए चुनाव में बाल गोविंद वर्मा ने न सिर्फ जीत दर्ज की, बल्कि अगले दो चुनाव में भी यहां से सांसद चुने जाने के कारण हैट्रिक लगाई। इमरजेंसी के बाद 1977 हुए चुनाव में बालगोविंद वर्मा हार गए, पर 1980 में पुन: सांसद चुने गए। चार बार सांसद रहने के कारण उनकी गिनती कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में होती थी। वह केंद्र सरकार में श्रम एवं पुनर्वास और दूरसंचार विभाग के उपमंत्री भी रहे थे।
वर्ष 1998, 1999 और 2004 में लगातार तीन बार खीरी से सांसद चुने गए बाल गोविंद वर्मा के पुत्र रवि प्रकाश वर्मा सपा के बड़े नेता रहे हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव होने के साथ वह स्व. मुलायम सिंह यादव और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के काफी करीबी रहे। वर्तमान सांसद अजय कुमार मिश्र टेनी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हैं। इससे पहले वर्ष 2009 में यहां से सांसद चुने गए जफर अली नकवी भी कांग्रेस के बड़े नेता हैं।
प्रदेश सरकार में मंत्री रहने के साथ ही दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष रहे जफर अली नकवी गांधी परिवार के काफी करीबी हैं। वर्ष 2009 में सृजित हुई धौरहरा लोकसभा सीट तो शुरू से ही वीआइपी रही है। यहां के पहले सांसद जितिन प्रसाद केंद्र की तत्कालीन संप्रग सरकार में मंत्री होने के साथ ही गांधी परिवार के बेहद करीबी थे। वर्तमान में धौरहरा की सांसद रेखा वर्मा भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं।
खीरी संसदीय सीट पर अब तक जीते सांसद
- 1952 : रामेश्वर प्रसाद नेवरिया (कांग्रेस)
- 1957 : कुंवर खुशवक्त राय (प्रसोपा)
- 1962 : बाल गोविंद वर्मा (कांग्रेस)
- 1967 : बाल गोविंद वर्मा (कांग्रेस)
- 1972 : बाल गोविंद वर्मा (कांग्रेस)
- 1977 : सुरथ बहादुर शाह (जनता पार्टी)
- 1980 : बाल गोविंद वर्मा (कांग्रेस)
- 1980 : ऊषा वर्मा (बाल गोविंद वर्मा के निधन के बाद उप चुनाव) (कांग्रेस)
- 1985 : ऊषा वर्मा (कांग्रेस)
- 1989 ऊषा वर्मा (कांग्रेस)
- 1991 : डा. जीएल कनौजिया (भाजपा)
- 1996 : डा. जीएल कनौजिया (भाजपा)
- 1998 : रवि प्रकाश वर्मा (सपा)
- 1999 : रवि प्रकाश वर्मा (सपा)
- 2004 : रवि प्रकाश वर्मा (सपा)
- 2009 : जफर अiwली नकवी (कांग्रेस)
- 2014 : अजय कुमार मिश्र टेनी (भाजपा)
- 2019 : अजय कुमार मिश्र टेनी (भाजपा)
धौरहरा संसदीय सीट पर अब तक जीते सांसद
- 2009 : जितिन प्रसाद (कांग्रेस)
- 2014 : रेखा वर्मा (भाजपा)
- 2019 : रेखा वर्मा (भाजपा)