सात साल बाद मुन्नी देवी की झोपड़ी में खुशी के उजियारे की उम्मीद
बांकेगंज (लखीमप र) : मैलानी क्षेत्र की ग्राम पंचायत ग्रंट नंबर 10 के मजरा देवीपुर की निवासी वृ
बांकेगंज (लखीमप र) : मैलानी क्षेत्र की ग्राम पंचायत ग्रंट नंबर 10 के मजरा देवीपुर की निवासी वृद्ध मुन्नी देवी ने सात साल से अपने मंझले बेटे प्यारे लाल की घर में आवाज नहीं सुनीं। प्यारे लाल सात साल पहले वन विभाग के वाचर पर जानलेवा हमले के मुकदमे में जेल गया था, तब से बाहर नहीं आया। अब आगामी दो अक्टूबर को प्यारे लाल की रिहाई की आस को लेकर मुन्नी देवी की सूनी झोपड़ी में भी खुशी के उजियारे की उम्मीद जगी है।
मोदी सरकार के आदेश के अनुसार आगामी दो अक्टूबर को जिला जेल में बंद जिन पांच बंदियों की रिहाई की उम्मीद है, उसमें प्यारे लाल भी शामिल है। प्यारे लाल भी अपनी 66 फीसदी से ज्यादा सजा काट चुका है और उसे पिछले सात साल से जमानत तक नहीं मिली। दैनिक जागरण की खबरों के माध्यम से जब गांव के लोगों ने प्यारे लाल की रिहाई की उम्मीद के बारे में उसके घर वालों को बताया तो मानों उनकी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। प्यारे लाल की बड़ी बहन मीरा देवी ने बताया कि उन्हें इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं हैं, पर अगर ऐसा है तो ये भगवान की बहुत बड़ी कृपा होगी। मीरा देवी ने इसको लेकर मोदी सरकार का भी धन्यवाद दिया। प्यारे लाल के बड़े भाई लेखराम व छोटा भाई संजय भी इस समाचार से काफी खुश हैं। दोनों मजदूरी करते हैं। प्यारे लाल की बहन व भाइयों ने बताया कि वे जल्द ही उससे मिलाई करने जाएंगे और उसकी रिहाई की उम्मीद की खुशी साझा करेंगे।
तो पोते का भी मुन्नी देवी को मिल पाएगा प्यार
पिछले सात साल से जेल में बंद प्यारे लाल की शादी तकरीबन आठ साल पहले हो गई थी। उसकी पत्नी ने बेटे को जन्म भी दिया, पर प्यारे लाल के जेल जाने के बाद वह अपने बेटे को लेकर मायके में लखीमपुर के गांव निजामपुर निकटी चली गई थी। तब से वह मायके में ही है। इसके चलते प्यारे लाल की मां मुन्नी देवी अपने पोते के का प्यार पाने से भी महरूम हैं। अब जब उनके बेटे के जेल से छूटने की उम्मीद जगी है, तो उन्हें अपने पोते को भी लाड़-दुलार दिखा पाने की आस जगी है।