अब जेम पोर्टल से बिकेंगे दरी, शहद सहित हस्तशिल्प उत्पाद
प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत स्वयं सहायता समूह का होगा रजिस्ट्रेशन। इनके उत्पादों में दरी शहद बक्शा अलमारी आदि शामिल हैं।
लखीमपुर : स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के हस्तशिल्प उत्पाद अब जेम पोर्टल पर भी बिकेंगे। इसके लिए अधिकारियों ने उत्पाद बनाने वाले स्वयं सहायता समूह का रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया है। यह सभी समूह पलिया और निघासन क्षेत्र में अपने उत्पाद बना रहे हैं। इनके उत्पादों में दरी, शहद, बक्शा, अलमारी आदि शामिल हैं।
प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान के बाद खीरी जिले के स्वयं सहायता समूहों ने अपनी आय बढ़ाने के लिए बाजार की तलाश तेज कर दी है। महिलाएं दरी, शहद, थारू क्राफ्ट, बक्शा, अलमारी के अलावा केला के तने से पूजा की दरी बना रही हैं। यह दरी काफी आकर्षक है। थारू महिलाओं के साथ समूहों से जुड़ी महिलाओं के जो उत्पाद हैं, इन सभी को विभाग की मदद से अब बड़ा मंच मिलने जा रहा है। उपायुक्त मनरेगा राजनाथ प्रसाद भगत ने बताया कि थारू महिलाओं और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा जो उत्पाद बनाए जा रहे हैं, इनकी बिक्री के लिए जेम पोर्टल पर पंजीकरण कराया जा रहा है। इसमें दरी का पंजीकरण कराया जा चुका है अलग-अलग साइज की दरी का अलग-अलग रेट है। थारू महिलाओं की बनाई यह दरी खूबसूरत हैं और इनकी कीमत बाजार की दरी से काफी कम है। इस बात की उम्मीद है कि थारू महिलाओं व स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के जो उत्पाद हैं, इनको अच्छा बाजार मिलेगा तब बिक्री अच्छी होगी और महिलाओं की आय भी बढ़ेगी। यह महिलाएं आत्मनिर्भर तो बनेंगी। साथ ही परिवार की तरक्की भी होगी। समूह से जुड़ी महिलाओं को नए उत्पाद तैयार कराने के लिए प्रशिक्षण भी दिलाया जा रहा है। इसके अलावा उनको उद्योग लगाने के लिए रिवाल्विग फंड से मदद की जा रही है।