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ब्लॉकों पर समूह की महिलाएं तैयार करेंगी पोषाहार

आत्मनिर्भर भारत अभियान में 300 महिलाओं को मिलेगा रोजगार। राष्ट्रीय आजीविका मिशन मिशन के स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं यह पोषाहार तैयार करेंगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 Sep 2020 09:54 PM (IST)Updated: Wed, 09 Sep 2020 06:12 AM (IST)
ब्लॉकों पर समूह की महिलाएं तैयार करेंगी पोषाहार
ब्लॉकों पर समूह की महिलाएं तैयार करेंगी पोषाहार

लखीमपुर : खीरी सहित प्रदेश के 18 जिलों में गर्भवती महिलाओं, कुपोषित बच्चों को जिले में ही बना पोषाहार बांटा जाएगा। राष्ट्रीय आजीविका मिशन मिशन के स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं यह पोषाहार तैयार करेंगी। इसके बाद केंद्रों के माध्यम से लाभार्थियों को बांटा जाएगा।

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खास बात यह है कि इससे जिले में 300 महिलाओं को रोजगार मिलने जा रहा है। साथ ही पोषाहार की होने वाली कालाबाजारी पर भी अंकुश लगेगा। मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के बाद इसका खाका तैयार किया गया है। नवंबर महीने से यह नई व्यवस्था शुरू हो जाएगी।

बताते चलें कि बाल विकास परियोजना के माध्यम से गर्भवती, धात्री महिलाओं और एक से तीन वर्ष के बच्चों को पोषाहार उपलब्ध कराया जाता है। यह पोषाहार अब तक फैक्ट्रियों से बनकर आंगनबाड़ी केंद्रों पर पहुंचा था। वहां से इसका वितरण कराया जाता था, लेकिन आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत अब प्रदेश के 18 जिलों में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को पोषाहार बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। खीरी जिले के 15 ब्लाकों की 300 महिलाएं चिन्हित की गई हैं, जो ब्लॉक पर पोषाहार तैयार करेंगी। पोषाहार के लिए गेहूं, चना, मक्का, चावल सहित अन्य खाद्य सामग्री जिले के ही बाजार से खरीद लेंगे या फिर अगर उनके घर में मौजूद है तो उसको भी शामिल करके इस्तेमाल कर सकेंगी। महिलाओं को पोषाहार यूनिट प्रोसेसिंग लगाने के लिए इनके पैन नंबर अप्लाई कराए गए हैं और उद्योग आधार बनवाए गए हैं। इसके अलावा जीएसटी के लिए पंजीकरण कराया जा रहा है। इन महिलाओं को अच्छी क्वालिटी का पोषाहार बनाने के ट्रेनिग भी दी जाएगी। मंगलवार को आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिग में डीएम शैलेंद्र सिंह, सीडीओ अरविद सिंह, डीसी एनआरएलएम अजय प्रताप सिंह, उपायुक्त मनरेगा राजनाथ प्रसाद भगत को वीडियो कॉन्फ्रेंसिग में प्रदेश सरकार के ग्राम्य विकास मंत्री, भारत सरकार के ग्राम्य विकास सचिव, व‌र्ल्ड फूड प्रोग्राम के डायरेक्टर ने नई व्यवस्था शुरू कराने के निर्देश दिए। इससे पोषाहार दो-तीन दिनों में ही लाभार्थियों तक पहुंच जाएगा। जिससे इसके खराब होने की संभावना भी नहीं होगी। पोषाहार की जांच के लिए क्वालिटी कंट्रोल यूनिट भी लगातार निगरानी करेगी। सभी ब्लॉकों में यूनिट के अधिकारी जाकर इसकी क्वालिटी चेक करेंगे। खाद्य सुरक्षा विभाग को भी इसमें शामिल किया जाएगा।


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