कई गांवों में कटान जारी, बाढ़ भी बनी मुसीबत
पलियाकलां (लखीमपुर) : शारदा नदी भीरा क्षेत्र के गांव देशराज टांडा, जगन्नाथटांडा, छंगा टा
पलियाकलां (लखीमपुर) : शारदा नदी भीरा क्षेत्र के गांव देशराज टांडा, जगन्नाथटांडा, छंगा टांडा, जंगल नंबर सात में कटान कर रही है। पिछले दिनों जंगल नंबर सात के प्राथमिक विद्यालय चमरौधा को नदी ने अपनी आगोश में ले लिया था। अब इस गांव में कुछ भी नहीं बचा है। कटान पीड़ित नहर पटरी पर और सड़कों के किनारे डेरा डाले हुए हैं। जिला प्रशासन द्वारा उनके लिए खाद्य सामग्री की व्यवस्था की गई है। समाजसेवी भी अपने स्तर से मदद कर रहे हैं। प्रकाश व्यवस्था के लिए सोलर लाइट लगाई गई हैं और टॉर्च का भी वितरण किया गया।
जंगल नंबर सात के दो किसानों की मौत के बाद प्रशासन में भी हड़कंप है। इस गंभीर स्थिति के मद्देनजर विधायक रोमी साहनी भी लगातार कटान पीड़ितों के संपर्क में है। एक रोज पहले ही उन्होंने मृतक किसान के घर जाकर 27 हजार रुपये की सहायता दी थी और आश्वासन दिया कि सरकार से हर संभव मदद दिलाएंगे। कटान पीड़ितों को त्वरित सहायता के रूप में खाद्य सामग्री तो चाहिए ही, उनके स्वास्थ्य का भी ध्यान रखने की जरूरत है। साथ ही आवास देकर बसाया जाना उससे भी महत्वपूर्ण है। इस दिशा में फिलहाल किसी भी स्तर से पहल नहीं हुई है। उधर चौरी खालेपुरवा, नयापुरवा, कुंवरपुर कलां, ढकिया, दौलतापुर, मटैहिया, इमलिया फार्म, आजादनगर, श्रीनगर में बाढ़ की स्थिति यथावत बनी हुई है। बारिश थमने के बाद शारदा के जलस्तर में मामूली कमी आई है, लेकिन इसके बावजूद बाढ़ का पानी अभी पूरी तरह से नहीं उतरा है। खेती योग्य भूमि बाढ़ की चपेट में होने की वजह से फसलों का सड़ना तय है।
फूलबेहड़ संवादसूत्र के अनुसार शारदा नदी का जलस्तर कम पड़ते ही नदी ने फिर से जबरदस्त कटान करना शुरू कर दिया है। शारदा नदी ने जंगल नंबर 11 में जबरदस्त कटान शुरू कर दिया है। वहीं कई लोगों की फसलें नदी में समा गई हैं। शारदा नदी जंगल नंबर 11 शशिकांत का मकान काटने के बाद अब इनकी फसल को निगल रही है। वहीं शशिकांत, नैपाल, शोला देवी की एक-एक एकड़ फसल नदी में समा गई।