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जगह-जगह कूड़े का ढेर, नहीं हैं निस्तारण के इंतजाम

ही नहीं शहर के अंदर सड़कों के किनारे बनाए गए डलाव घर भी खुले होने के कारण रिहायशी बस्ती के लिए अब समस्या बन चुके हैं। --------------------------------------------------- मझरा फॉर्म में मिली है 20 एकड़ जमीन जिला मुख्यालय से करीब नौ किलोमीटर दूर सड़क के किनारे 20 एकड़ जमीन नगर पालिका को मिली है। जिसपर कचरा निस्तारण प्लांट लगाया जाना है लेकिन अभी यह मामला लटका हुआ है। अधिशासी अधिकारी नगर पालिका अखिलेश त्रिपाठी का कहना है कि शासन की ओर से इसे अभी हरी झंडी नहीं मिली है जैसे ही स्वीकृती मिलेगी काम शुरू हो जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Apr 2019 10:55 PM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 10:55 PM (IST)
जगह-जगह कूड़े का ढेर, नहीं हैं निस्तारण के इंतजाम
जगह-जगह कूड़े का ढेर, नहीं हैं निस्तारण के इंतजाम

लखीमपुर: एक तरफ स्वच्छ भारत अभियान तो दूसरी ओर लखीमपुर शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर लगा हुआ है। कचरा निस्तारण का कोई प्रबंध न होने के कारण शहर के सीमावर्ती क्षेत्रों से लेकर अब रिहायशी इलाकों तक पर्यावरण दूषित होने लगा है। खीरी लोकसभा क्षेत्र में कचरा एक बड़ी समस्या बन चुका है। इसके निस्तारण के लिए नगर पालिका परिषद ने बहुत पहले शासन को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन इसे अमलीजामा न पहनाए जाने के कारण रिहायशी इलाकों के साथ-साथ स्वच्छ पर्यावरण के लिए भी अब यह धीरे-धीरे चुनौती बन चुका है। हालात यहां तक पहुंच चुके हैं कि शहर के किसी भी सीमा से आप दाखिल हो कूड़े के ढेर आपको दिख जाएंगे।

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हर रोज निकलता है 80 टन कूड़ा

नगर पालिका परिषद के अधिकारियों की मानें तो करीब तीन लाख की नगर पालिका क्षेत्र की आबादी में हर रोज 80 टन कूड़ा निकाला जाता है। यह कूड़ा शहर के सीमावर्ती क्षेत्रों में डाला जाता है। जिससे शहरी क्षेत्रों में सफाई हो। लगभग 490 नगर पालिका के नियमित और संविदा सफाई कर्मचारी हैं। जो हर रोज थैलियां लेकर घरों से कचरा निकालते हैं करीब 15 डलाव घर हैं।

यहां डाला जाता है हर रोज शहर का कचरा

शहर के घरों प्रतिष्ठानों से हर रोज निकलने वाला 80 टन कचरा एलआरपी रोड के किनारे, राजापुर चौराहे गोला रोड, महेवा गंज रोड पर डाला जाता है। इन जगहों से शहर के अंदर प्रवेश पाने पर काफी दूरी तक लोगों को दुर्गंध का भी सामना करना पड़ता है इस कचरे के आस पास बसी बस्तियों के लिए भी अब यह कचरा मुसीबत बनने लगा है। इतना ही नहीं शहर के अंदर सड़कों के किनारे बनाए गए डलाव घर भी खुले होने के कारण रिहायशी बस्ती के लिए अब समस्या बन चुके हैं।

मझरा फॉर्म में मिली है 20 एकड़ जमीन

जिला मुख्यालय से करीब नौ किलोमीटर दूर सड़क के किनारे 20 एकड़ जमीन नगर पालिका को मिली है। जिसपर कचरा निस्तारण प्लांट लगाया जाना है, लेकिन अभी यह मामला लटका हुआ है। अधिशासी अधिकारी नगर पालिका अखिलेश त्रिपाठी का कहना है कि शासन की ओर से इसे अभी हरी झंडी नहीं मिली है जैसे ही, स्वीकृती मिलेगी काम शुरू हो जाएगा।


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