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बेजोड़ हय मोदी केर काम..बस गैया बछरन पर लगै लगाम

चूल्हु नाय फूंकय क परत हय..कत्ता लेहव सबकुछ तौ मिला पहले वाले का दिहिन कोई त पूछ लेव। चर्चा अब समापन की ओर थी तो देवकली गांव के कामता ने यहां के प्राचीन सर्पयज्ञ कुंड के रखरखाव व उस पर हो रहे कब्जे की बात उठा दी कहने लगे बाकी सब ठीक लेकिन सांसद जी यहव देखयं। सही कहेव भैया चलौ अब खेतन वार चली यहु तौ चुनाव क्यार मेला है चलतय रही.. कहते हुए छोटकन्न गिरी उठ खेड़े हुए और सभी ग्रामीण अपने गंतव्य को चल दिए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Apr 2019 10:08 PM (IST)Updated: Fri, 12 Apr 2019 10:08 PM (IST)
बेजोड़ हय मोदी केर काम..बस गैया बछरन पर लगै लगाम
बेजोड़ हय मोदी केर काम..बस गैया बछरन पर लगै लगाम

लखीमपुर: चैत्र नवरात्र की अष्टमी का दिन..देवी मंदिरों में ही भीड़ नहीं जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर पौराणिक देवकली तीर्थ पर भी श्रद्धालुओं का लगा तांता और उसी तीर्थ के शिव मंदिर पर चल रही चुनावी बतकही। मंदिर के चबूतरे पर आस-पास गांव के तमाम गांव वाले बैठे थे और चर्चा आने वाले चुनाव में सरकार बनने पर जारी थी। राजेश गिरी ने मंच संभाल रखा था और मोदी की शान में कसीदे पढ़े जा रहे थे। तभी दैनिक जागरण की टीम भी वहां भ्रमण करते-करते जा पहुंची। मुख्य सड़क से मंदिर की ओर मुड़ते ही पता चल गया कि गांव के प्रधान जी ने कितनी संजीदगी से काम किया है और गांव का कितना विकास हुआ है लेकिन हैरत की बात ये भी सामने आई कि गांव में हासिए पर विकास का ही मुददा था और चर्चा सरकार बनने पर जारी थी।

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देवकली गांव के ही राजेश गिरी वहां गांव वालों से बतियाते हुए कह रहे थे कि देखौ भैया हमरी उमर हुई गई है 46 साल अत्ती उमर मां हमय न कोई सरकार कुछ दिहिस ना दिहिस कोई धेला भर कोई चीज पर अब किल मिला और जौन कहत है कि नाय मिला वहु बोलत है कोर कोर झूठ। राजेश गिरी की बात पूरी होती तभी सैदापुर सरांय गांव के रहने वाले बृजेश मिश्रा बोल पड़े कि ये सब कुछ नाय जुमलेबाजी नाय चही..का विकास भवा..कहां विका भवा.. कीका नौकरी मिली। पहले मिल वाले पैसन रुपयन ते खाली करिन अब गाय-बछरा मारे डारत हैं दिन्नु भर मेहनत करौ भोरहरे पूरा खेतुय चमन मिलत है। मंदिर के चबूतरे पर ही धूनी रमाए और पूरी बतकही को बहुत गौर से सुन रहे बाबा बालकराम तभी बोल पड़ते हैं यहु सब कुछ नाय गायिन केरा दूध दुह लिहिन उके बछरव केरे हिस्सा केरा निचेार लिहिन और दोनो क रपटाय दिहिन। गायीं का मोदी केरी हैं कि योगी केरी हैं.. हां यौ हय कि अब खंदती नाय हैं तबहे देखाती हैं। बात में दम था और वह पूरी बात कहे बिना रुकने वाले भी नहीं थे कहने लगे अगर कोई केर अपनय बच्चा होय तो का उते काम लैके उका रात म घर ते निकार देहव। बृजेश को उनकी बात का जवाब मिल चुका था कि तभी सुमेर गिरी चर्चा में शामिल हुए बोले भैया काम मोदी केरो बेजोड़ हय इमा कोई शक नाय लेकिन गैया बछरन पर जरुर लगय लगाम और सब जने इम्मा लगावय हांथु तबहें बनी बात। बतकही अब जोर पकड़ चुकी थी और दूर पेड़ की ओट में खड़ी मंजूदवी से भी रहा न गया बोल पड़ीं भैया कहव तौ हमहूं कुछ बोली..हां हां कहव चाची धौरहरा गांव के रमेश पांडे तुरंत ही बोल पड़े..चाची कहने लगीं कि सबते ज्यादा आराम हम औरतन कैंहां हय जौन चूल्हु नाय फूंकय क परत हय..कत्ता लेहव सबकुछ तौ मिला पहले वाले का दिहिन कोई त पूछ लेव। चर्चा अब समापन की ओर थी तो देवकली गांव के कामता ने यहां के प्राचीन सर्पयज्ञ कुंड के रखरखाव व उस पर हो रहे कब्जे की बात उठा दी कहने लगे बाकी सब ठीक लेकिन सांसद जी यहव देखयं। सही कहेव भैया चलौ अब खेतन वार चली यहु तौ चुनाव क्यार मेला है चलतय रही.. कहते हुए छोटकन्न गिरी उठ खेड़े हुए और सभी ग्रामीण अपने गंतव्य को चल दिए।


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