राज्यपाल के दौरे का असर, तीन दिन में बनी विद्यालय की बाउंड्रीवाल
जो काम पिछले दो वर्षों से तमाम शिकायतों व लिखा-पढ़ी के बाद नहीं हो सका था।
राज्यपाल के दौरे का असर, तीन दिन में बनी विद्यालय की बाउंड्रीवाल
लखीमपुर: जो काम पिछले दो वर्षों से तमाम शिकायतों व लिखा-पढ़ी के बाद नहीं हो सका था। अधिकारी अनसुनी करते रहे लेकिन, एक सप्ताह पूर्व जैसे ही खबर वायरल हुई 24 अगस्त को राज्यपाल का दौरा थारू बाहुल्य क्षेत्र में होने की संभावना है। जो प्रताप नारायण मिश्र स्मारक सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय चंदनचौकी के प्रांगण में एक विशेष कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित हैं। उसके अलावा नेपाली सीमा से सटे गांवों में भ्रमण करके प्राथमिक विद्यालय भी देखने की संभावना थी। जिन गांव में जाने की संभावना थी वे गांव बंदरभरारी, सोनहा, और एकलव्य माडल आवासीय विद्यालय सौनहा था। बस फिर क्या था सरकारी अमला रात दिन डटकर रंगाई-पुताई, नल, गेट, पानी की टंकी, बिजली सबकुछ दुरुस्त करवाने लगा। जिन विद्यालयों में बाउंड्रीवाल नहीं थी उसका तीन दिन के अंदर निर्माण हो गया। जो कमियां रह गई थी उन्हें पूरा कर पाते उससे एक दिन पहले खबर आई राज्यपाल का कार्यक्रम टल गया। बस फिर क्या था जो काम जहां हो रहा था उसे बंद करके सब के सब नदारद हो गए। बहरहाल राज्यपाल के न आने से क्षेत्रवासियों में मायूसी छा गई। क्षेत्र के लोगों ने बताया कि अब तो समय ही समय है जो काम अधूरे रह गए उन्हें आराम से पूरा कर सकते हैं।