थारू संस्कृति से आसानी से परिचित हो सकेंगे परदेसी सैलानी
लखीमपुर : दुधवा टाइगर रिजर्व के पर्यटन सत्र के शुभारंभ पर एफडी रमेश कुमार पांडेय ने बत
लखीमपुर : दुधवा टाइगर रिजर्व के पर्यटन सत्र के शुभारंभ पर एफडी रमेश कुमार पांडेय ने बताया कि जंगल में जिन रास्तों से होकर सैलानी गुजरते हैं, वहां के वाटरहोल्स, घास के मैदान व माहौल को बेहतर बनाया गया है ताकि जानवर आसानी से विचरण कर सकें। इससे सैलानियों को भी उनका दीदार करने में आसानी होगी और यही हमारी सफलता भी है ताकि सैलानी दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीवों को बेहतर ढंग से देख पाएं।
उन्होंने बताया कि यूं तो दुधवा की पहचान बाघों और गैंडों से होती है लेकिन और भी बहुत कुछ इस जंगल में सैलानियों के लिए उपलब्ध है। बीते वर्ष कनकटी और बेलडांडी नाम की दो बाघिन काफी मशहूर हुई थीं, हमारी कोशिश है कि हम उन्हें और बेहतर नाम दें। दुधवा में कर्नाटक से हाथियों का एक दल भी आया है जिसे भीरा वन निगम डिपो में रखा गया है। एफडी ने कहा कि हम रणनीति बना रहे हैं कि किस तरह से इस एलीफैंट कैंप में एक्टिविटी की जाए ताकि शिक्षापरक टूरिज्म की संभावना बढ़ सके। नेचर शॉप के बाबत कहा कि जंगल के आसपास बसे थारू गांवों के बा¨शदों द्वारा तैयार किए गए जाने वाले उत्पाद इन नेचर शॉप पर रखे जाएंगे। ताकि यहां आने वाले देशी विदेशी सैलानी इस इलाके को बेहतर तरीके से समझ पाएं। उनका कहना था इस बार कोशिश होगी कि दुधवा आने वाले पर्यटक थारू गांवों में जा सकें और उनकी संस्कृति व रहन सहन से परिचित हो सकें।