दूसरे दिन भी ट्रेंकुलाइज नहीं किए जा सके जंगली हाथी
इसके लिए दुधवा पार्क से चार हाथियों व आठ अधिकारियों का दल वहां भेजा गया है लेकिन दो दिन के अथक परिश्रम के बाद भी जंगली हाथी अभी तक काबू में नहीं आ सके हैं। खेतों में पानी भरे होने के कारण उन्हे ट्रेंकुलाइज नहीं किया जा सका था लेकिन रात भर नाइट विजन कैमरे से उनकी निगरानी की जा रही थी। हाथी रात में 15 किलोमीटर उसी मार्ग पर वापस चले गए जहां से वे आए थे।
लखीमपुर: मीरगंज में जंगली हाथियों को काबू में करने का प्रयास आज भी असफल रहा। तमाम कोशिशों के बाद भी हाथियों को ट्रेंकुलाइज नहीं किया जा सका और न ही उन्हें खदेड़ा जा सका। अलबत्ता हाथियों ने रात भर में अपनी लोकेशन बदल ली और करीब 15 किलोमीटर दूर चले गए। उधर इस कवायद को देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ जुटने लगी है जिससे वनकर्मियों के काम में बाधा पहुंच रही है। ग्रामीणों को हटाने के लिए अब पुलिस का सहयोग मांगा गया है।
उत्तराखंड के जंगलों से निकलकर आए दो हाथी इस समय बरेली वन प्रभाग के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। इन हाथियों ने एक वनकर्मी सहित दो लोगों को मौत के घाट उतार दिया था जिसके बाद उन्हे पकड़ने का निर्णय लिया गया। इसके लिए दुधवा पार्क से चार हाथियों व आठ अधिकारियों का दल वहां भेजा गया है लेकिन दो दिन के अथक परिश्रम के बाद भी जंगली हाथी अभी तक काबू में नहीं आ सके हैं। खेतों में पानी भरे होने के कारण उन्हे ट्रेंकुलाइज नहीं किया जा सका था, लेकिन रात भर नाइट विजन कैमरे से उनकी निगरानी की जा रही थी। हाथी रात में 15 किलोमीटर उसी मार्ग पर वापस चले गए जहां से वे आए थे। रात की निगरानी से अधिकारियों को हाथियों की वास्तविक लोकेशन तो पता चल गई लेकिन खास बात यह रही कि जहां हाथी अब टिके है वहां भी खेतों में पानी भरा है जिससे आज भी उन्हे ट्रेंकुलाइज नहीं किया जा सका। इस संबंध में वार्डेन एसके अमरेश ने बताया कि खेतों में पानी भरे होने के कारण हाथियों को ट्रेंकुलाइज नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा लोगो की भीड़ के कारण भी काम में दिक्कत आ रही है। इसके लिए कल से पुलिस की सहायता ली जाएगी।