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अब बीएसए ने उजागर किया लेखा विभाग का राज

बीएसए के मुताबिक पसगवां ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय पिपरौला मर्दन में तैनात शिक्षक राजेश का तबादला गुरुदेव खेड़ा हो गया। जहां वह ज्वाइन करने भी नहीं गए और मार्च 2017 में सेवानिवृत्त भी हो गए। जब वह स्कूल में ज्वाइन करने नहीं गए तो तत्कालीन बीईओ ने शिक्षक राजेश का ब्यौरा लेखा विभाग को नहीं भेजा। बीएसए का कहना है कि नियमानुसार बीईओ से दस्तावेज न मिलने पर लेखा विभाग को वेतन नहीं जारी करना चाहिए, जबकि इस मामले में लेखा विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों की साठगांठ से शिक्षक का वेतन लगातार निकलता रहा। जबकि शासन का निर्देश है कि अगर शिक्षक स्कूल में पढ़ाने नहीं जाता है तो उसे वेतन न दिया जाए। यह बड़ी गड़बड़ी है। इस बाबत लेखाधिकारी डॉ. डीके ¨सह का कहना है कि उन्हें पूरे मामले की जानकारी नहीं है। अगर बीएसए की ओर से इस संबंध में अवगत कराया जाता है तो दोषी मिलने वाले कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 11:21 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 11:21 PM (IST)
अब बीएसए ने उजागर किया लेखा विभाग का राज
अब बीएसए ने उजागर किया लेखा विभाग का राज

लखीमपुर: एक-दूसरे पूरक कहे जाने वाले बेसिक शिक्षा विभाग और उसी के लेखा अनुभाग के बीच तनातनी बढ़ गई है। बेसिक शिक्षा से शासकीय सहायता प्राप्त स्कूलों में नौ शिक्षकों की नियुक्ति संबंधी फाइल मांगने के बाद बीएसए बुद्धप्रिय ¨सह ने भी लेखा विभाग में व्याप्त गड़बड़ियों को उजागर करने का मन बनाया है। उन्होंने पसगवां ब्लॉक में तैनात एक शिक्षक के स्कूल न जाने पर बीईओ की संस्तुति के बिना लगातार वेतन जारी करने का आरोप लगाते हुए अधीनस्थों को फाइल से अभिलेख निकाल कर जांच के निर्देश दिए हैं।

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बीएसए के मुताबिक पसगवां ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय पिपरौला मर्दन में तैनात शिक्षक राजेश का तबादला गुरुदेव खेड़ा हो गया। जहां वह ज्वाइन करने भी नहीं गए और मार्च 2017 में सेवानिवृत्त भी हो गए। जब वह स्कूल में ज्वाइन करने नहीं गए तो तत्कालीन बीईओ ने शिक्षक राजेश का ब्यौरा लेखा विभाग को नहीं भेजा। बीएसए का कहना है कि नियमानुसार बीईओ से दस्तावेज न मिलने पर लेखा विभाग को वेतन नहीं जारी करना चाहिए, जबकि इस मामले में लेखा विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों की साठगांठ से शिक्षक का वेतन लगातार निकलता रहा। जबकि शासन का निर्देश है कि अगर शिक्षक स्कूल में पढ़ाने नहीं जाता है तो उसे वेतन न दिया जाए। यह बड़ी गड़बड़ी है। इस बाबत लेखाधिकारी डॉ. डीके ¨सह का कहना है कि उन्हें पूरे मामले की जानकारी नहीं है। अगर बीएसए की ओर से इस संबंध में अवगत कराया जाता है तो दोषी मिलने वाले कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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