नाबालिग हाथों में अब बाइक और कार, कैसे हो सुरक्षा
शहर के बाईपास से जुड़े रास्तों या कॉलोनियों के आसपास एक कॉलोनी से दूसरी कॉलोनी तक स्कूटी और बाइक पर फर्राटा भरते नाबालिग भी आसानी से देखे जा सकते हैं। इस सीजन में नहीं हुई है कोई भी कार्रवाई।
लखीमपुर: शहर की सड़कों पर यातायात नियमों का उल्लंघन कैसे होता है यह बखूबी देखा जा सकता है। खासकर तब जब विद्यालय खुले हों। इस समय महामारी के चलते जब शिक्षण संस्थान बंद हैं, ऐसे में भी शहर के बाईपास से जुड़े रास्तों या कॉलोनियों के आसपास एक कॉलोनी से दूसरी कॉलोनी तक स्कूटी और बाइक पर फर्राटा भरते नाबालिग भी आसानी से देखे जा सकते हैं। खास कर शाम के वक्त खीरी रोड, डीएम आवास के सामने की रोड और मेला मैदान रोड पर भी कई बार नाबालिग बाइक और स्कूटी से फार्राटा भरते देखे जा सकते हैं।
नियम के कानूनों की बात करें तो ड्राइविग लाइसेंस न होने पर ढाई हजार और दुर्घटना की स्थिति में 25 हजार रुपये तक जुर्माने का नियम हैं लेकिन, कई बार ट्रिपलिग करते 12 से 14 वर्ष के यह बच्चे देखे जाते हैं। हाईवे के किनारे तो अक्सर अभिभावक खुद अपने हाथों से कार के स्टेयरिग तक इनके हाथों में थमा देते हैं। यही नहीं शहर में छोटे-छोटे बच्चे भी ई-रिक्शा चलाते हुए आसानी से नजर आ जाएंगे। जो अपनी और उसमें बैठने वाली सवारियों की जान जोखिम में डाल रहे हैं।
एआरटीओ आरके चौबे के मुताबिक अभी इस सीजन में किसी पर कोई जुर्माना, कोई कार्रवाई नहीं की गई है। क्योंकि यह नियम जल्द ही आया है और पिछले तीन माह से कोरोना वायरस के चलते सभी कुछ बंद था। इसलिए इसका तीन दिनी अभियान भी नहीं चलाया जा सका। भविष्य में इस पर कड़ी कार्रवाई होगी। जहां कहीं भी नाबालिगों के हाथों में दोपहिया या चौपहिया वाहन देखे जाएंगे, वहां कार्रवाई होगी।