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Amritpal: अमृतपाल की तलाश में पलटी जा रही पुरानी फाइलें, 90 के दशक में भी आतंकवादियों ने यूपी में डाला था डेरा

पंजाब से फरार अमृतपाल की तलाश में प्रादेशिक खुफिया एजेंसियों के साथ अब आईबी भी सक्रिय हो गई है। इस मामले में खुफिया तरीके से उन लोगों की निगरानी की जा रही है जो पूर्व में पंजाब में फैले आतंकवाद के दौरान संदिग्ध पाए गए थे।

By vikas sahayEdited By: Shivam YadavPublished: Wed, 29 Mar 2023 10:08 PM (IST)Updated: Wed, 29 Mar 2023 10:08 PM (IST)
आईडी देखने के बाद ही नेपाल जाने दिया जा रहा है।

लखीमपुर, जागरण टीम: पंजाब से फरार अमृतपाल की तलाश में प्रादेशिक खुफिया एजेंसियों के साथ अब आईबी भी सक्रिय हो गई है। इस मामले में खुफिया तरीके से उन लोगों की निगरानी की जा रही है, जो पूर्व में पंजाब में फैले आतंकवाद के दौरान संदिग्ध पाए गए थे। इसके लिए पुरानी फाइलों से भी धूल साफ की जा रही है। उधर नेपाल बार्डर पर अलर्ट जारी है और आने- जाने वाले लोगों की सघन तलाशी ली जा रही है तथा आईडी देखने के बाद ही नेपाल जाने दिया जा रहा है।

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पुलिस ने बनाई थी संदिग्धों की सूची

नब्बे के दशक में पंजाब में फैले आतंकवाद के समय कई दुर्दांत आतंकवादियों ने इस क्षेत्र में शरण ले रखी थी। पुलिस की नजरों में उस समय यहां के कुछ फार्मर संदिग्ध भी थे। उनकी सूची भी बनी थी, लेकिन कालांतर में पंजाब में आतंकवाद खत्म हुआ तो उस सूची की उपयोगिता भी समाप्त हो गई थी, लेकिन अमृतपाल के फरार होने व उसके लखीमपुर होकर नेपाल जाने की संभावना तथा जालंधर पुलिस को उसकी लोकेशन लखीमपुर में मिलने के लेकर प्रादेशिक खुफिया एजेंसियों के साथ आईबी भी सक्रिय हो गई है। 

अमृतपाल को भी शरण दे सकते हैं संदिग्ध

आईबी के साथ अन्य केंद्रीय एजेंसियां भी आतंकवाद पनपने की आशंका को लेकर जांच में जुट गई हैं। इसके लिए नब्बे के दशक में संदिग्ध माने गए लोगों की खुफिया तरीके से निगरानी की जा रही है। जांच एजेंसियों का मानना है कि उस समय आतंकवादियों के प्रति साॅफ्ट कार्नर रखने वाले लोग अमृतपाल को भी शरण दे सकते हैं और उसके छिपे रहने में सहयोग प्रदान कर सकते हैं। इसलिए खुफिया एजेंसियां उन्हें संदिग्ध मानकर उन पर नजर रख रही हैं। 

नेपाल बार्डर पर अभी अलर्ट

उधर नेपाल बार्डर पर अभी अलर्ट है। बार्डर पर तैनात एसएसबी व गौरीफंटा पुलिस के साथ पंजाब पुलिस के जवान बेहद सक्रिय हैं। यह जवान नेपाल से आने व जाने वालों की गहन तलाशी ले रहे हैं और उनके पहचान पत्र देखने के बाद ही उन्हें इधर या उधर जाने दे रहे हैं।

बार्डर को जाने वाले रास्तों पर अभी भी पिकेट लगाकर चेकिंग की जा रही है। चौपहिया गाड़ियों में आने वाले लोगों की शक्ल को अमृतपाल के पोस्टरों से मिलाकर ही उन्हें आगे जाने दिया जा रहा है।

इन्होंने कहा…

इस संबंध में सीओ आदित्य कुमार का कहना है कि शासन के निर्देशों के मुताबिक काम किया जा रहा है। केंद्रीय जांच एजेंसियों के यहां आने के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। बॉर्डर पर जरूर सख्ती से तलाशी अभियान चल रहा है।


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