अफवाहों के बीच और तेज हुआ दुधवा में आंदोलन
पलिया कलां (लखीमपुर): दुधवा में चल रहे लंबे आंदोलन के बाद अब अफवाहें भी जोर पकड़ने लगी हैं। इसके साथ
पलिया कलां (लखीमपुर): दुधवा में चल रहे लंबे आंदोलन के बाद अब अफवाहें भी जोर पकड़ने लगी हैं। इसके साथ ही दुधवा में चल रहा आंदोलन और जोर पकड़ता नजर आ रहा है। इस बीच फेडरेशन ऑफ फारेस्ट एसोसिएशन के प्रांतीय पदाधिकारियों से मिलने के लिए एक दल भी लखनऊ रवाना हो गया। आंदोलन को और मजबूती देने के इरादे से फेडरेशन ऑफ फारेस्ट एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल लखनऊ में प्रांतीय अधिकारियों से मिलने रवाना हो चुका है। फोन पर उपाध्यक्ष रामकुमार ने बताया कि पहले लखीमपुर जाकर पदाधिकारियों से वार्ता होगी उसके बाद सभी लखनऊ पहुंचकर दुधवा की गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताएंगे। बता दें कि कि 25 जनवरी को एआरटीओ द्वारा दुधवा की तीन जिप्सियों को सीज करने, किशनपुर के कटैया बैरियर पर तैनात कर्मचारी से अभद्रता व मारपीट के बाद के तुरंत बाद जिप्सी चालक व नेचर गाइडों ने काम बंद करने का ऐलान कर दिया था। उनके आंदोलन में कुछ ही दिनों बाद दुधवा पार्क के कर्मचारी भी कूद पड़े और पर्यटन पूरी तरह से बंद हो गया। 12 दिनों से धरना-प्रदर्शन बदस्तूर जारी है। अब तक आंदोलन पूरी रौ में जारी था कि बुधवार को एक खबर ने आंदोलन की धार को कमजोर करने का काम कर दिया। पता चला कि नेचर गाइड, जिप्सी चालकों के साथ मिलकर आंदोलन से अलग हटने का मन बना चुके हैं। यह खबर इलाके में फैली तो चर्चाएं शुरू हो गईं। आंदोलन कर रहे पार्क कर्मियों के भी होश उड़ गए। हालांकि बाद में यह खबर अफवाह साबित हुई। दुधवा पार्क में प्रदर्शन कर रहे नेचर गाइडों ने बताया कि वे लोग आंदोलन में पूरा समर्थन कर रहे हैं, वैसे भी ये लड़ाई जिप्सी चालकों व उनकी पहले है पार्क कर्मी तो सिर्फ उनकी मदद के लिए आए हैं जिसका वे सम्मान करते हैं। पार्क कर्मियों ने इसके बाद डीएम के खिलाफ जोरदार नारे लगाए। सभी ने निलंबन की मांग को पुन: दोहराया और स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती आंदोलन बदस्तूर जारी रहेगा।