केंद्रों पर आवक नहीं, प्रभावित हो सकती है गेहूं खरीद
लॉकडाउन में क्रय केंद्रों पर गेहूं के आवक न होने खरीद प्रभावित होने की संभावना बढ़ गई है। चितित अधिकारी गांव-गांव भ्रमण कर किसानों को खरीद के लिए प्रेरित कर रहे हैं तब भी किसान क्रय केंद्र पर गेहूं लेकर नहीं जा रहे हैं। अधिकारियों का मानना है कि खुले बाजार व क्रय केंद्र पर रेट में मामूली अंतर है।
कुशीनगर: लॉकडाउन में क्रय केंद्रों पर गेहूं के आवक न होने खरीद प्रभावित होने की संभावना बढ़ गई है। चितित अधिकारी गांव-गांव भ्रमण कर किसानों को खरीद के लिए प्रेरित कर रहे हैं, तब भी किसान क्रय केंद्र पर गेहूं लेकर नहीं जा रहे हैं। अधिकारियों का मानना है कि खुले बाजार व क्रय केंद्र पर रेट में मामूली अंतर है। किसानों के घर बैठे ही गेहूं बिक जा रहा है, तो वे केंद्र पर लाने के लिए अनावश्यक धन खर्च क्यों करें। यही कारण है कि 47 दिनों में भी लक्ष्य के सापेक्ष महज 34.89 फीसद (22677.85 एमटी) ही खरीद हुई है, जिससे 5347 किसान लाभान्वित हुए हैं। खरीद को लेकर जनपद में 82 क्रय केंद्र बनाए गए हैं। शासन स्तर लक्ष्य 65000 मीट्रिक टन निर्धारित है।
एजेंसी लक्ष्य (मीट्रिक टन) खरीद (मीट्रिक टन)
खाद्य विभाग- सात हजार 3972.40
पीसीएफ- 20000 - 7494.16
-पीसीयू- 18000 - 6125.84
-यूपी एग्रो- तीन हजार -1068.75
-कर्मचारी कल्याण निगम- चार हजार -639.10
-यूपीएसएस- 8200 -2702.70
-एनसीसीएफ- चार हजार - 387.85
-भारतीय खाद्य निगम- आठ सौ - 287.05
यह है रेट
सरकारी दर 1925 रुपये
खुले बाजार में 1870 रुपये
कहते हैं किसान
-सलेमगढ़ निवासी पिटू कुमार कहते हैं कि खुले बाजार व शासन के निर्धारित मूल्य में थोड़ा सा अंतर है। इसके लिए ट्रैक्टर ट्राली से क्रय केंद्र पर जाना आर्थिक नुकसान उठाना है। यहीं के मुन्ना जायसवाल कहते हैं कि तहसील से सत्यापन व फिर गेहूं की सफाई को लेकर परेशान होने से अच्छा है कि जरूरत के अनुसार खुद प्रयोग किया जाए।
क्रय केंद्रों पर गेहूं का आवक कम है। इससे खरीद प्रभावित हो रही है। केंद्र प्रभारी व अन्य कर्मचारियों को किसानों को प्रेरित करने के लिए निर्देश दिया गया है। जुलाई व अगस्त में गेहूं का रेट खुले बाजार में वैसे भी बढ़ जाता है। इसलिए भी कम किसान ही आ रहे हैं।
डिप्टी आरएमओ ने किया निरीक्षण
विनय प्रकाश सिंह, डिप्टी आरएमओ,कुशीनगर