माता-पिता को खो चुके छह बच्चे रिश्तेदारों पर आश्रित
कुशीनगर में कोरोना संक्रमण से जिन बचों के माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है उनके जेहन में आज भी ताजा है कोरोना संक्रमण काल का दौर स्वजन रख रहे ख्याल फिर भी नहीं भूलता मंजर।
कुशीनगर : अप्रैल से जून के बीच अपने माता-पिता को गंवा चुके छह बच्चे रिश्तेदारों पर आश्रित हैं। अपनों को गंवा चुके इन बच्चों के जेहन में कोरोना के संक्रमण काल का वह दौर आज भी ताजा है, जिसमें उन्हें मां-बाप का चेहरा भी देखना नसीब नहीं हुआ। हालांकि स्वजन उनका ख्याल रख रहें हैं फिर भी वे उस मंजर को नहीं भूल पा रहे हैं।
पहली बार प्रदेश सरकार की सहायता मिलने पर उनके चेहरे पर भले ही खुशी का भाव दिख रहा हो, लेकिन दर्द कम नहीं हुआ है। भविष्य को लेकर चिता भी उनके चेहरे पर साफ झलकती दिखी। केंद्र सरकार द्वारा उन्हें अभी तक किसी योजना का लाभ नहीं मिला है।
केस-एक
सेवरही विकास खंड के 10 वर्षीय बालक ने कहा कि अप्रैल के दूसरे सप्ताह में कोरोना संक्रमण के शिकार माता-पिता चार दिन ही दुनिया से चले गए। कोरोना संक्रमण की वजह से उनका अंतिम संस्कार करने तक का मौका नहीं मिला। यह कसक अभी भी सालती है। रात में सोते समय उन्हीं का चेहरा याद आता है। अब जाकर सरकारी सहायता मिली है।
केस-दो
मां-बाप को गंवा चुकी खड्डा ब्लाक क्षेत्र की 14 वर्षीय किशोरी का कहना है कि नाना के घर रह रही हूं, लेकिन मन नहीं लगता है। ऐसा महसूस होता है कि दुनिया में कोई नहीं है। सरकारी सहायता से आगे की पढ़ाई कर सकूंगी। कभी-कभी भेदभाव देख आंखें भर जाती है। कोई डांट देता है तो ऐसा लगता है कि काश मैं भी अपने घर पर रहती। चाचा-चाची कभी कभार फोन से हाल-चाल लेते हैं।
केस-तीन
सदर विकास खंड के युवक ने बताया कि मां-बाप की जून के पहले सप्ताह में 24 घंटे में मौत हो गई। तब से घर पर हूं। यहां बहुत सारी बातें बुरी लगती हैं लेकिन मजबूरी है कि इस दौर में क्या किया जाए। अब सरकारी सहायता से पढ़ाई पूरी करने में मदद मिलेगी।
नए मिले 30 आवेदनों की हो रही जांच
प्रोबेशन विभाग का कहना है कि 30 नए आवेदन मिले हैं, जिनमें किसी के मां या किसी के पिता नहीं हैं। उन आवेदनों को ब्लाक स्तरीय टास्क फोर्स को सौंप दिया गया है, जिसकी जांच चल रही है। शीघ्र ही रिपोर्ट आने पर उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलेगा।
- जनपद में अनाथ कुल बच्चों की संख्या:75
-कोरोना संक्रमण से माता-पिता गंवा चुके बच्चों की संख्या-06
-जिनके माता या पिता (एकल) की मौत हुई उन बच्चों की संख्या -39
-प्रत्येक बच्चे को तीन महीने का चार हजार की दर से मिले - 12 हजार
चार बच्चों की मां नहीं पिता कर रहे लालन-पालन
जिले में 39 बच्चों में चार ने अपनी मां को खोया है तो बाकी 35 ने अपने पिता को गंवाया है। ऐसे में मां के सामने बच्चों का पालन करना मुश्किल है।
जिलाधिकारी एसराजलिंगम ने कहा कि जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खोया है उनके भरण पोषण के साथ रहने व खाने को लेकर सरकारी स्तर पर सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। अन्य सहायता भी दिलाई जाएगी।