लॉकडाउन: दुकानें बंद, घर से निकलने पर पाबंदी
बैरियर पर पुलिसकर्मी रोकते रहे वाहन -अनावश्यक घूमने वालों पर रही सख्ती
कुशीनगर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनता से की गयी अपील और पुलिस-प्रशासन की सख्ती का पूरा असर लॉकडाउन में दिखा। नगर से लेकर सभी तहसीलों में मेडिकल की दुकानों को छोड़कर अन्य किसी तरह की दुकानें नहीं खुली। वहीं पुलिस की गाड़ियां पूरे दिन पेट्रोलिग कर घर से निकलने वालों को वापस भेजती रही। इसका असर यह रहा कि सभी सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। लाकडाउन को सफल बनाने के लिए डीएम भूपेंद्र एस चौधरी, एसपी विनोद कुमार मिश्र, एडीएम विन्ध्यवासिनी राय, एसपी अयोध्या प्रसाद सिंह, एसडीएम रामकेश यादव, अरविद कुमार, देशदीपक सिंह, अभिषेक पांडेय, प्रमोद कुमार, एआर फारूकी क्षेत्रों में भ्रमण रह कर कानून व्यवस्था का पालन करने की लोगों को हिदायत देते रहे। जरूरी काम से निकलने की बात कहने वालों को अधिकारी यह समझाते रहे कि अभी यह समय घरों में सुरक्षित रहने का है। बेहतर यही है कि घरों से न निकलें, प्रशासन डोर-टू-डोर खाद्य सामग्री पहुंचाने की व्यवस्था में लगा है। किसी को कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी।
पूरी रात शहर की सड़कों सायरन बजाकर गश्त करने वाली पुलिस सुबह होते ही सड़कों पर आ गयी। सुभाष चौक, तिलक चौक, अंबे चौक, छावनी, रामकोला रोड समेत हर जगह पुलिस सतर्क रही। वाहनों और लोगों के आगमन को रोकने के लिए नगर के कठकुइयां मोड़, बावली चौक, रविद्र नगर धूस मुख्यालय पर बैरिकेडिग कर दी गयी है। आने-जाने वालों से मौजूद पुलिस कर्मी पूछताछ कर रही है और जरूरी कार्य न होने पर उन्हें वापस घर भेज दे रही है। जिला अस्पताल में इलाज कराने जाने व दवा के लिए मेडिकल की दुकानों पर जाने वालों को पुलिस जल्द वापस होकर घरों में कैद रहने को कहा।
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क्या है लाकडाउन
यह एक तरह की आपदा व्यवस्था है, जो किसी आपदा या महामारी के समय सरकारी तौर पर लागू की जाती है। एपिडेमिक डिजिज एक्ट 1857 के तहत जिलाधिकारी और सीएमओ को इसे लगाने का अधिकार है। आइपीसी की धारा 269, 270 के तहत नियम का उल्लंघन करने वालों को गिरफ्तार करने का भी अधिकार है। पूरी तरह लाकडाउन का अर्थ है कि जिस स्थान पर हैं वहीं बने रहें।