एक तो मंहगाई ऊपर से बाजार की खाई
प्याज लहसून के आसमान छूते दाम ने किचन में मंहगाई की ऐसी लगाई है कि तड़का मंहगा हो गया है। इसको लेकर हाय तौबा मची हुई है। ऊपर से थोक व फुटकर बाजार के मूल्यों की खाई ने तो पूरी तरह से सांसत में डाल दिया है।
कुशीनगर : प्याज, लहसून के आसमान छूते दाम ने किचन में मंहगाई की ऐसी लगाई है कि तड़का मंहगा हो गया है। इसको लेकर हाय तौबा मची हुई है। ऊपर से थोक व फुटकर बाजार के मूल्यों की खाई ने तो पूरी तरह से सांसत में डाल दिया है।
आम आदमी का आरोप है कि थोक बाजार में इसको डंप कर दाम बढ़ाया जा रहा है तो फुटकर बाजार तक आते-आते जेब पर डाका डालने जैसा हो जा रहा है। जिम्मेदारों को फुर्सत ही नहीं कि हमारे इस दर्द को समझें। आखिर थोक व फुटकर बाजार में इतना अधिक अंतर कैसे आया।
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यह है दोनों बाजार का अंतर
- प्याज थोक में 50-60 तो फुटकर में 80-100 रुपये प्रति किलो, लहसुन का थोक भाव 120 से 140 रुपये है, फुटकर में 180-200 रुपये।
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इनका है अपना दर्द
-गृहिणी इंदू देवी कहती हैं प्याज की महंगाई ने किचेन का स्वाद बिगाड़ दिया है। सस्ता प्याज मुहैया कराना चाहिए। पुष्पलता देवी कहती हैं आम आदमी प्याज, लहसून व हरी सब्जियों की महंगाई से परेशान है। जेब पर डाका पड़ रहा है। बाजार पर नियंत्रण जरूरी है।