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कुशीनगर में खाद को लेकर किसानों को राहत

कुशीनगर में 146 समितियों पर उपलब्ध है 3500 एमटी डीएपी 1066 लाइसेंसी दुकानों पर भी उपलब्ध है खाद।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 12:27 AM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 12:27 AM (IST)
कुशीनगर में खाद को लेकर किसानों को राहत
कुशीनगर में खाद को लेकर किसानों को राहत

कुशीनगर : जिले में खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इससे किसान राहत में हैं। उपलब्धता के कारण जरूरत पड़ने पर किसान कभी भी समिति से ले सकेंगे।

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यह जानकारी देते हुए जिला कृषि अधिकारी प्यारेलाल ने बताया कि किसानों को इस समय खाद की आवश्यकता नहीं है। बावजूद इसके खाद समितियों पर खाद उपलब्ध करा दी गई है। जनपद में 3500 एमटी डीएपी व 800 एमटी एनपीके 146 समितियों पर उपलब्ध है। इसके अलावा लाइसेंसी 1066 दुकानों पर भी खाद उपलब्ध है। चूंकि धान की फसल की कटाई होने के बाद ही रबी की फसल की बोआई के समय खाद की आवश्यकता पड़ेगी। इसलिए अभी तक कहीं कोई डिमांड या शिकायत नहीं मिली है। बताया कि प्रति बोरी यूरिया 266.50, डीएपी 1200 रुपये व एनपीके 1175 रुपये में उपलब्ध है। किसान राजेश कुमार, कपिलदेव गोंड आदि का कहना है कि अभी खाद की जरूरत नहीं है। नवंबर के दूसरे पखवारे से आलू, तोरी, मसूर आदि की बोआई के समय खाद की जरूरत पड़ेगी। दिनेश पाठक, हेमंत पाठक, राधेश्याम श्रीवास्तव, पप्पू गोंड का कहना है कि अभी धान की फसल कटनी शुरू हुई है। इसके बाद खेत में खाद डालने का समय आएगा।

गन्ना व तोरिया की सहफसली खेती से होगा विशेष लाभ

शरदकालीन गन्ना के साथ तोरिया की सहफसली खेती से किसान अपनी आय दोगुनी कर सकते हैं। मात्र 80 से 95 दिनों में पांच से छह क्विंटल तोरिया का उत्पादन प्रति एकड़ प्राप्त किया जा सकता है।

यह बातें गन्ना किसान संस्थान एवं प्रशिक्षण केंद्र पिपराइच गोरखपुर के सहायक निदेशक ओमप्रकाश गुप्ता ने कही। उन्होंने बताया कि शरद कालीन गन्ने में सहफसली खेती में तोरिया की खेती कम समय में अधिक लाभ दे सकती है। इसके लिए प्रमुख प्रजाती टाईप नौ 90 से 95 दिन में, भवानी प्रजाति 75 से 80 दिन में, पीटी 30 प्रजाति 90 से 95 दिन में तैयार हो जाता है। इन सभी प्रजातियों का औसत उत्पादन पांच से छह क्विंटल प्रति एकड़ है। बाजार में खाद्य तेलों की बढ़ती महंगाई में इसका उत्पादन किसानों के लिए वरदान साबित हो सकता है।


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