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ट्रामा सेंटर बने तो आए मौतों में कमी

फोरलेन पर आए दिन होने वाली वाहन दुर्घटनाओं में घायलों के त्वरित इलाज व विदेशी सैलानियों के चिकित्सकीय सुविधा के लिए कसया सीएचसी पर ट्रामा सेंटर की मांग जोर पकड़ रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 12:09 AM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 12:09 AM (IST)
ट्रामा सेंटर बने तो आए मौतों में कमी
ट्रामा सेंटर बने तो आए मौतों में कमी

कुशीनगर: फोरलेन पर आए दिन होने वाली वाहन दुर्घटनाओं में घायलों के त्वरित इलाज व विदेशी सैलानियों के चिकित्सकीय सुविधा के लिए कसया सीएचसी पर ट्रामा सेंटर की मांग जोर पकड़ रही है।

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विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने लोगों की मांग को उचित बताते हुए मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को पत्र सौंप कर ट्रामा सेंटर की स्थापना की संस्तुति की है। नगर स्थित चिकित्सकों के अनुसार दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति के लिए 45 मिनट महत्वपूर्ण समय होता है। यदि इस अवधि में घायल को चिकित्सकीय सहायता मिल जाए तो उसके बचने की संभावना प्रबल हो जाती है। कसया सीएचसी फोरलेन से 500 मीटर की दूरी पर है। वहां आए मरीजों का चिकित्सक प्राथमिक इलाज के अतिरिक्त कुछ नहीं कर पाते। उनके पास मरीज को 15 किमी दूर जिला अस्पताल या 55 किमी दूर मेडिकल कालेज रेफर करने के अलावा कोई चारा नहीं रहता। गंतव्य तक पहुंचने के पूर्व ही 45 मिनट का गोल्डन पीरियड बीत चुका रहता है। अंतरराष्ट्रीय पर्यटक केंद्र होने के नाते यहां काफी संख्या में विदेशी सैलानी भी आते हैं। ऐसे में कसया सीएचसी पर ट्रामा सेंटर की स्थापना की मांग को लेकर मांग उठने लगी है।

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-ट्रामा सेंटर कुशीनगर में आवश्यक

-कुशीनगर में काफी संख्या में वयोवृद्ध विदेशी सैलानी भी आते हैं। अक्सर उनके साथ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। ऐसे में यदि यहां ट्रामा सेंटर बन जाए तो बेहतर चिकित्सा मिलने से विदेशों में देश की अच्छी छवि बनेगी।

भंते महेंद्र

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-बजट सत्र में सदन में रखूंगा मुद्दा

-मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को लोगों की मांग से अवगत कराया गया है। वास्तव में कसया सीएचसी पर ट्रामा सेंटर बनाने का पूरा औचित्य है। बजट सत्र में सदन में भी इस मामले को रखूंगा।

रजनीकांत मणि त्रिपाठी

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-तत्काल मिलता है बहुआयामी उपचार

-ट्रामा सेंटर मरीज को व्यापक आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं प्रदान करता है। विशेष संसाधनों की उपलब्धता से मरीज को तत्काल विशेष बहुआयामी उपचार मिलने से उसके बचने की उम्मीद बढ़ जाती है।

डॉ. ज्ञान प्रकाश राय

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फोरलेन पर ट्रामा सेंटर जरूरी

-कसया सीएचसी पर ट्रामा सेंटर फोरलेन बनने के साथ ही बन जाना चाहिए था। तेज रफ्तार बड़ी संख्या में नौजवानों की जान ले रही है। ट्रामा सेंटर के बनने से अनेक परिवार के चिराग असमय बुझने से बच सकेंगे।

डॉ. डीएस तिवारी पूर्व प्राचार्य, बुद्ध पीजी कालेज, कुशीनगर


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