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बौद्ध धर्म में वर्षावास महत्वपूर्ण

अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थान के पूर्व अध्यक्ष डॉ. भिक्षु नंदरतन ने कहा कि भिक्षुओं के लिए वर्षावास का बड़ा महत्व है। यह ज्ञान ध्यान और दान का पर्व है। बौद्ध भिक्षु अपने गुरु के सानिध्य में रहकर धर्म का अध्ययन करते हैं ध्यान करते हैं और उपासकों को धम्म देशना देकर धर्म में अच्छी तरह से प्रतिष्ठित होते हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 10:43 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 10:43 PM (IST)
बौद्ध धर्म में वर्षावास महत्वपूर्ण
बौद्ध धर्म में वर्षावास महत्वपूर्ण

कुशीनगर: म्यांमार बुद्ध मंदिर कुशीनगर में भिक्षु संघ के तत्वावधान में सोमवार की शाम वर्षावास के शुभारंभ के अवसर पर भिक्षुओं को उपासकों ने समारोह पूर्वक चीवर दान दिया।

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अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थान के पूर्व अध्यक्ष डॉ. भिक्षु नंदरतन ने कहा कि भिक्षुओं के लिए वर्षावास का बड़ा महत्व है। यह ज्ञान, ध्यान और दान का पर्व है। बौद्ध भिक्षु अपने गुरु के सानिध्य में रहकर धर्म का अध्ययन करते हैं, ध्यान करते हैं और उपासकों को धम्म देशना देकर धर्म में अच्छी तरह से प्रतिष्ठित होते हैं। वर्षा विधि आहार और विहार के लिए भी उपयुक्त समय है। कहा कि इसका सही अर्थ जानकर समझदारी पूर्वक वर्षावास का लाभ उठाना चाहिए। प्रारंभ में भिक्षु संघ के अध्यक्ष एबी ज्ञानेश्वर ने त्रिशरण पंचशील दिया। छह श्रामणेरों को उपसंपदा दी गई। डॉ. भुवनेश्वर प्रसाद ने भिक्षुओं को भोजन दान करवाया। भिक्षु नंदक, भंते अशोक, भंते आलोक, भंते गणपति, भंते राजेंदा, रमेश अग्रहरि, फूलबदन, रामनगीना, पन्नालाल आदि उपस्थित रहे।


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