दालें हुईं महंगी, भोजन की थाली से प्रोटीन गायब
हर प्रकार की दाल का भाव सौ रुपये प्रति किग्रा के ऊपर महंगाई से ग्राहक परेशान दुकानदारी पर भी प्रभाव
जागरण संवाददाता, कुशीनगर : कोरोना संक्रमण काल में महंगाई ने लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। दाल थाली से गायब है। बीते वर्ष भी कोरोना काल में दालें खासी महंगी हो गई थीं। इस बार भी वही हाल है। दालों में पर्याप्त प्रोटीन पाया जाता है। चिकित्सक इसके नियमित सेवन की सलाह देते हैं। दूसरी ओर दाल इतनी महंगी हो गई है कि भाव सुनते ही लोगों का पसीना छूट जा रहा है। गृहणियों की रसोई का बजट भी बिगड़ गया है। मध्यम वर्ग व गरीब लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में दालों के भाव बढ़ गए हैं।
सेवरही की रहने वाली प्रतिमा पटेल कहती हैं कि जो दालें 70 से 80 रुपये किग्रा बिकती थीं, उनकी कीमत अब सौ रुपये से अधिक पहुंच गई है। ऐसे में परेशानी महसूस करना लाजिमी है। मध्यम वर्ग और गरीब लोग परेशान हैं। सेवरही की ही प्रियंका त्रिपाठी कहती हैं कि मध्यम वर्ग और गरीब वर्ग के लोग अगर सब्जी महंगी है तो दालों से ही काम चला लेते थे, पर इस समय तो दालें भी इतनी महंगी हैं कि खरीदने की हिम्मत नहीं पड़ती है। रसोई में कटौती करनी पड़ रही है। सरकार को इस दिशा में कदम उठाना चाहिए।
उधर दाल विक्रेता सुकदेव का कहना है कि थोक में ही दालें महंगी मिल रही हैं । उसी के अनुसार बिक्री की जा रही है। महंगाई से ग्राहक तो परेशान हैं ही, दुकानदारी पर भी प्रभाव पड़ा है।
वर्तमान में दालों के भाव
अरहर - 110
मूंग - 110
चना -- 80
मसूर - 90
उड़द - 110