ग्रीन कॉरिडोर से गुजरेगा राजकुमारी का काफिला
तीन दिवसीय दौरे पर 21 फरवरी को कुशीनगर आ रहीं थाईलैंड की राजकुमारी चुलबोर्न के लिए प्रशासन ने टोल प्लाजा (हेतिम मुजहना) से थाई वाट के लगभग 10 किमी के रास्ते को ग्रीन कॉरिडोर में तब्दील कर दिया है। गुरुवार को इस रास्ते पर राजकुमारी के फ्लीट का रिहर्सल हुआ। थाई दूतावास व जिला प्रशासन के अधिकारियों ने तैयारियों को अंतिम रूप दिया।
कुशीनगर : तीन दिवसीय दौरे पर 21 फरवरी को कुशीनगर आ रहीं थाईलैंड की राजकुमारी चुलबोर्न के लिए प्रशासन ने टोल प्लाजा (हेतिम मुजहना) से थाई वाट के लगभग 10 किमी के रास्ते को ग्रीन कॉरिडोर में तब्दील कर दिया है। गुरुवार को इस रास्ते पर राजकुमारी के फ्लीट का रिहर्सल हुआ। थाई दूतावास व जिला प्रशासन के अधिकारियों ने तैयारियों को अंतिम रूप दिया।
दिल्ली से विशेष विमान से राजकुमारी के दोपहर दो बजे गोरखपुर आने का कार्यक्रम तय है। वहां से वह सड़क मार्ग से कुशीनगर के लिए रवाना होंगी। कुशीनगर के थाई वाट में राजकुमारी का औपचारिक स्वागत व रात्रि विश्राम होगा। 22 फरवरी को सुबह महापरिनिर्वाण मंदिर में बुद्ध की पांचवीं सदी की शयनमुद्रा वाली प्रतिमा के समक्ष विशेष पूजा करेंगी। इसके बाद राजकुमारी का दल थाई वाट के कुशीनगर क्लिनिक (चैरिटबल हास्पिटल) का निरीक्षण करेगा। थाई क्लिनिक से राजकुमारी बुद्ध के संभावित (शवदाह स्थल) रामाभार स्तूप पहुंचेंगी। वहां पर विशेष पूजा के बाद पुन: थाई वाट आ जाएंगी। 23 फरवरी को सुबह 11 बजे थाई दल गोरखपुर एयरपोर्ट रवाना हो जाएगा। उसी दिन 12 बजे दल विशेष विमान से बैंकाक रवाना होगा। दल में चार अलग-अलग प्रतिनिधि मंडल व थाई मीडिया व सुरक्षा दल शामिल है। थाई एंबेसी के अधिकारी रचनीकान वांग सुकुल व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अभिषेक कुमार पांडेय की देखरेख में स्वागत व सुरक्षा तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया।
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राजकुमारी के स्वागत में खिलखिलाया थाई उद्यान फोटो 20 पीएडी- 19 क्रासर-
डहेलिया, लिली, गेंदा, गुलाब व गुलदाउदी से निखरी रंगत
मुंह फेरता सूरजमुखी और नाजुक लिली की अदा पर हर कोई लट्टू राजेंद्र शर्मा
जागरण संवाददाता, कुशीनगर: यूं तो थाईलैंड की राजकुमारी के स्वागत के लिए थाई बुद्धिस्ट मोनास्ट्री बीते छह माह से सज रहा है, पर यहां स्थित उद्यान ने मोनास्ट्री की सुंदरता में और निखार ला दिया है। डहेलिया, गुलदाउदी, सूरजमुखी, लिली, गेंदा व गुलाब के फूलों की रंगत निहारते नहीं बन पड़ रही। थाई राजकुमारी चुलाबोर्न 21 फरवरी को शाम लगभग चार बजे कुशीनगर आएंगी। थाई मोनास्ट्री में रात्रि प्रवास होगा।
राजकुमारी के आगमन को देखते हुए मोनास्ट्री को आम लोगों के लिए काफी समय पूर्व ही बंद कर रंग रोगन का कार्य कराया गया। पूर्व में थाई मोनास्ट्री का उद्यान गुलाब की किस्म-किस्म की प्रजातियों के फूलों के लिए प्रसिद्ध था, पर अब लाल, गुलाबी, सफेद, नीले, पीले, सिदूरी, जामुनी रंग के गुलाब के फूलों की जगह डहेलिया, गुलदाउदी के रंग बिरंगे फूलों ने ले ली है। मुंह फेरता सूरजमुखी और नाजुक लिली की अदा पर हर कोई लट्टू है। मालियों ने राजकुमारी की पसंद के फूलों से उद्यान को निखारने के कार्य को चुनौती के रूप में लिया। थाईलैंड और दिल्ली से फूलों के बीज मंगवाए गए। कुछ दुर्लभ किस्म की प्रजाति यहां की नर्सरी में विकसित की गई। पी. सोमपोंग बड़े क्षेत्रफल के उद्यान को संवारने का श्रेय मालियों की कड़ी मेहनत को देते हैं। कहते हैं कि प्रमुख माली बीस साल से उद्यान की देखभाल कर रहे हैं। थाई राजपरिवार के सदस्य के आगमन पर उद्यान को उनकी पसंद का बनाना बेहद चुनौती पूर्ण कार्य होता है।