कुशीनगर के प्रवीण ने 14 वर्ष की उम्र में लिखा अंग्रेजी उपन्यास
उपन्यास लिखने के बाद प्रवीण के सामने प्रिटिग और पब्लिशिग की समस्या खड़ी हुई। एक वर्ष तक कई लोगों से संपर्क किए लेकिन कोई रास्ता नहीं दिखा। बाद में इंकार्ट पब्लिशिग से वेबसाइट के जरिये संपर्क किए।
कुशीनगर: प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती, इसे सच साबित किया है जिले के विकासखंड खड्डा के गांव लखुआ के प्रवीण गुप्ता ने। ग्रामीण परिवेश से जुड़े होने के बावजूद 14 वर्ष की उम्र में ही 220 पेज का अंग्रेजी उपन्यास लिख दिया। बाजार में यह आ भी गया है। अमेजन जैसी बड़ी ऑनलाइन कंपनी भी इसे बेच रही है। अब तक रायल्टी के रूप में 18 हजार रुपये मिल चुके हैं।
कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करने वाले हरिओम गुप्ता व दर्पण देवी के चार पुत्रों में सबसे बड़े प्रवीण ने छठवीं तक की शिक्षा खड्डा के एक निजी विद्यालय में ली। आगे की पढ़ाई के लिए पिता ने उनका दाखिला स्टेपिग स्टोन कान्वेंट स्कूल आचार्य निकेतन मयूर विहार दिल्ली में कराया। इस समय हाईस्कूल के छात्र हैं। प्रवीण बताते हैं कि अंग्रेजी की स्टोरी, नॉवेल व प्ले पढ़ने के साथ इंग्लिश मूवी देखने का शौक रहा है। अंग्रेजी की शिक्षिका सांत्वना तिवारी ने मुझे सदैव गाइड किया है। हालांकि मैंने अभी तक उनको यह नहीं बताया है कि मैंने नॉवेल लिख दी है। उनकी प्रेरक बातें सुनकर मैंने अपनी कल्पनाओं के आधार पर नॉवेल लिखना शुरू किया। एक वर्ष पहले मैंने इस काल्पनिक व रहस्यमयी नॉवेल को लिखने में सफलता पायी।
उपन्यास लिखने के बाद प्रवीण के सामने प्रिटिग और पब्लिशिग की समस्या खड़ी हुई। एक वर्ष तक कई लोगों से संपर्क किए, लेकिन कोई रास्ता नहीं दिखा। बाद में इंकार्ट पब्लिशिग से वेबसाइट के जरिये संपर्क किए। इंकार्ट पब्लिशिग ने जांचोपरांत 19 मार्च 2020 को नॉवेल प्रकाशित किया। अभी तक रॉयल्टी के तौर पर उनको 18 हजार रुपये मिल चुके हैं। बताया कि लॉकडाउन के दौरान मैं पढ़ाई के साथ पोएट्री व इस नॉवेल का पार्ट टू लिख रहा हूं। इसके कुल छह पार्ट होंगे।