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सावधान, आ गया लुटेरों का मौसम

दीपावली के साथ ही बेहद खतरनाक तरीके से लूटपाट करने वाले डकैतों का मौसम भी शुरू हो गया है। बंजारा जाति से संबंध रखने वाला यह गिरोह इस त्योहार के बाद वारदात को अंजाम देकर अपने पारंपरिक लूटपाट के धंधे की शुरुआत करता है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 11:15 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 11:15 PM (IST)
सावधान, आ गया लुटेरों का मौसम
सावधान, आ गया लुटेरों का मौसम

कुशीनगर : दीपावली के साथ ही बेहद खतरनाक तरीके से लूटपाट करने वाले डकैतों का मौसम भी शुरू हो गया है। बंजारा जाति से संबंध रखने वाला यह गिरोह इस त्योहार के बाद वारदात को अंजाम देकर अपने पारंपरिक लूटपाट के धंधे की शुरुआत करता है। गिरोह के सदस्य इस मौसम में ही लूटपाट करना शुभ मानते हैं। पूर्वांचल में इस गिरोह के सक्रिय होने की पुष्टि भी हो चुकी है। इसलिए यह देखते हुए कुशीनगर पुलिस अलर्ट है। बंजारा जाति के ये लुटेरे दीपावली की रात अपने कुल देवी का पूरे उत्साह के साथ पूजन-अर्चन करते हैं। फिर मौका मिलते ही वारदात को अंजाम देते हैं। वारदात को अंजाम देने के दौरान घर में मौजूद लोगों पर वार कर लहूलुहान करना इनकी योजना में शामिल होता है। इसके पीछे मान्यता है कि अगर वारदात के दौरान खून-खराबा नहीं हुआ तो यह गिरोह के लिए अशुभ होगा। नवंबर से शुरू लुटेरों का यह मौसम लगभग पांच महीने तक चलता है। होली के दिन लुटेरे पुन: अपनी कुल देवी का पूजा कर वारदात को अंजाम देने से परहेज करते हैं। महत्वपूर्ण बात यह कि हाल में ही गिरोह से जुड़ी कई अहम जानकारियां भी मिली हैं। इससे संभावित खतरे को देखते हुए सूबे के सभी जिला पुलिस प्रमुखों को अलर्ट जारी करते हुए त्योहारों पर गश्त बढ़ाने तथा सतर्कता पर जोर देने को कहा गया है। जारी अलर्ट में कहा गया है कि कुछ क्षेत्रों में बावरिया गिरोह के नाम से जाने-जाने वाले इन लुटेरों द्वारा कच्छा-बनियान पहनकर लूटपाट करना अब गुजरे जमाने की बात हो गई है। ये लुटेरे बिल्कुल हाइटेक तरीके से लूटपाट की घटना को अंजाम दे रहे हैं। लुटेरों के पास आधुनिक असलहों की भी पूरी उपलब्धता है।

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दरवाजा खोलते समय बरतें सतर्कता

-घटना को अंजाम देने के पूर्व यह गिरोह घरों को चिन्हित कर रेकी करता है। रात के समय गिरोह के सदस्य घर का दरवाजा खोलवाने के लिए पीड़ित बन मदद की गुहार लगाते हैं। ताकि पीड़ित की मदद की सोच घर के लोग दरवाजा खोल देते हैं, जिससे गिरोह के सदस्य आसानी से घरों में प्रवेश कर जाते हैं। कई बार दरवाजे पर इनके द्वारा पशु-पक्षी तथा बच्चों के रोने जैसी आवाज निकाली जाती है, जिसे सुन लोग घरों का दरवाजा खोल देते हैं।

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इनसेट

.जनपद में सामने आईं घटनाएं

-नवंबर 2014, जनपद के फाजिलनगर कस्बे के जोगिया रोड पर कृष्णा ¨सह के मकान में घुसे आधा दर्जन लुटेरों ने आधा दर्जन लोगों पर हमला बोल लहूलुहान कर दहशत फैला दिया था। चीख-पुकार की आवाज सुन मकान मालिक भी मौके पर पहुंच गए थे। लुटेरों ने उन्हें तथा इनकी पत्नी को भी मारा-पीटा और उनके कमरे में पहुंच डेढ़ लाख नकदी सहित लाखों के जेवरात लूट ले गए थे।

-कप्तानगंज कस्बे में भी 2014 में आधा दर्जन कच्छा-बनियान पहने लुटेरों ने लूटपाट की घटना को अंजाम दिया था। लूटपाट के इस वारदात में लुटेरों ने चार लोगों पर जानलेवा हमला बोल लहूलुहान कर दिया था।

-10 अक्टूबर, 2016, कसया के अमियनगर मोहल्ले में सुभाष पांडेय के यहां किराए का मकान लेकर रह रहे बैंक प्रबंधक व आबकारी सिपाही के यहां लूटपाट की घटना सामने आई थी। हालांकि घटना वाली रात दोनों ही परिवार दशहरा पर गांव गया था।

-सितंबर, 2017 में भी कसया थाने के गांव पिपरा में लूटपाट की घटना सामने आई थी।

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-लूट, डकैती जैसी घटनाओं को नियंत्रित करने को लेकर पुलिस पूरी सतर्कता बरत रही है, हर संदिग्ध गतिविधियों पर नजर है। बदलते मौसम को देखते हुए थानेदारों को गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।

-राजीव नारायण मिश्र, एसपी


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