लंबित विवेचनाओं की तय हुई मियाद
विवेचकों की शिथिल कार्य प्रणाली पर कप्तान राजीव नारायण मिश्र की टेढ़ी नजर है। लापरवाह विवेचकों को अंतिम मौका देते हुए चेतावनी दी गई है कि वह अपने कार्य-व्यवहार में सुधार ला विवेचनाओं के निस्तारण में तेजी लाएं, अन्यथा परिणाम भुगतने को तैयार रहें।
कुशीनगर: विवेचकों की शिथिल कार्य प्रणाली पर कप्तान राजीव नारायण मिश्र की टेढ़ी नजर है। लापरवाह विवेचकों को अंतिम मौका देते हुए चेतावनी दी गई है कि वह अपने कार्य-व्यवहार में सुधार ला विवेचनाओं के निस्तारण में तेजी लाएं, अन्यथा परिणाम भुगतने को तैयार रहें।
छह माह से अधिक अवधि से लंबित विवेचनाओं को शीघ्र निस्तारित करने का निर्देश दिया गया है। दरअसल, विवेचकों के शिथिल रवैये से थानों में विवेचना का कार्य कच्छप गति से चल रहा है। इससे जहां न्यायालय में सुनवाई नहीं हो पा रही है, तो वहीं दूसरी ओर वादी-प्रतिवादी को कोर्ट कचहरी का चक्कर काटना पड़ रहा है।
कई थानों में एक साल तो कई में दो-दो साल से अधिक अवधि से विवेचनाएं लंबित पड़ी हुईं हैं। रुटीन निरीक्षण के दौरान चालू माह में लंबित इन विवेचनाओं की फेहरिस्त देख कप्तान ने यह कदम उठाया है। लापरवाह विवेचकों को अंतिम मौका दिया गया है कि वह छह माह से अधिक अविध से लंबित विवेचनाओं को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करें। पुलिस क्षेत्राधिकारी को विवेचनाओं की अद्यतन स्थिति से अवगत होने को कहा गया है। निर्धारित अवधि बीतने के बाद भी दायित्वों को पूरा करने में पीछे रहे विवेचकों को भी चिन्हित कर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है।
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विवेचनाओं के निस्तारण में तेजी लाने को लेकर लापरवाह विवेचकों को अंतिम मौका दिया गया है। छह माह से अधिक समय से लंबित विवेचनाओं को तत्काल निस्तारित करने को कहा गया है। इसमें लापरवाही पर सख्त कार्रवाई होगी।
राजीव नारायण मिश्र,