जीएसटी में सरलीकरण से व्यापारियों को मिलेगी राहत
पहली जुलाई 2017 को लागू जीएसटी अर्थात गुड्स एंड सर्विस टैक्स को लेकर सरकार द्वारा प्रक्रिया में छूट और सरलीकरण किए जाने से व्यापारियों को राहत मिलेगी, तो उपभोक्ताओं को सामान सस्ते दर पर मिलेंगे। क्योंकि इस व्यवस्था में सामने आई खामियों को दूर करने की दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है
कुशीनगर : पहली जुलाई 2017 को लागू जीएसटी अर्थात गुड्स एंड सर्विस टैक्स को लेकर सरकार द्वारा प्रक्रिया में छूट और सरलीकरण किए जाने से व्यापारियों को राहत मिलेगी, तो उपभोक्ताओं को सामान सस्ते दर पर मिलेंगे। क्योंकि इस व्यवस्था में सामने आई खामियों को दूर करने की दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रति महीने आन लाइन फार्म भरने के स्थान पर राहत देते हुए व्यापारियों से तीन महीने में एक बार फार्म भरने की व्यवस्था की गई है। यह बातें मंगलवार को दैनिक जागरण कार्यालय पडरौना में पाठक पैनल की चर्चा में व्यापारियों ने कही। विभिन्न ट्रेडों से जुड़े व्यापारियों ने कहा कि एक देश एक व्यापार व एक दर पर सबको सामान उपलब्ध कराने सरकार की मंशा सफल रही। पूर्व में अंतरप्रांतीय व्यापार करने के लिए विभिन्न नियमों के पालन की प्रतिबद्धता खत्म हो गई, तो सेवाकर, वैट तथा एक्साइज ड्यूटी समाप्त करने से व्यापार करना आसान हो गया है। सभी टैक्स एक में समाहित करने से काफी राहत है। प्रारंभिक चरण में इस योजना में सामान पर लगने वाले करों को लेकर काफी मतभेद था, जिसको को लेकर व्यापारी काफी परेशान होते थे। सरकार धीरे-धीरे दरों में कमी कर रही है।
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उप्र उद्योग व्यापार मंडल प्रतिनिधि के प्रांतीय मंत्री जगदंबा अग्रवाल ने कहा कि सरकार जीएसटी प्रक्रिया में लगातार सुधार कर रही है, जिससे व्यापारियों के साथ उपभोक्ताओं को काफी राहत मिलेगी।
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व्यापार मंडल के नगर कोषाध्यक्ष अजय सराफ ने कहा कि इस प्रक्रिया को और सरल बनाया जाए, ताकि व्यापारियों को तीन-तीन फार्म आन लाइन भरने से छुटकारा मिले।
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रेडीमेड एवं होजरी एसोसिएशन के अध्यक्ष सुधीर जायसवाल ने कहा कि जीएसटी में दो स्लैब होने से ग्राहकों के साथ व्यापारियों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। आए दिन सर्वर खराब होने से प्रतिदिन डाटा भरने में परेशानी होती है।
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रेडीमेड एवं होजरी संघ के पदाधिकारी विष्णु टिबड़ेवाल उर्फ डब्बू कहते हैं कि दो नियम की वजह से 999 रुपये की खरीद पर पांच फीसद व 1001 के खरीद पर 12 फीसद जीएसटी भरना पड़ रहा है। इसे एक ही स्लैब में किया जाए, तो काफी आसानी रहेगी।
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गल्ला व्यापारी संघ के पदाधिकारी सतीश ¨जदल कहते हैं कि जीएसटी से सामान की कीमतें कम हुईं है, लेकिन प्रक्रिया को पूरा करने में व्यापारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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व्यापार मंडल के मीडिया प्रभारी संजय मारोदिया कहते हैं कि जीएसटी को लेकर व्यवहारिक दिक्कतों को खत्म कर दिया जाए, तो काफी राहत रहेगी। क्योंकि पेपर वर्क में व्यापारी वर्ग उलझा रह जा रहा है।