हादसों पर नहीं खड़ी हुई 'सतर्कता'
हाईवे पर हो रही लगातार दुर्घटनाओं के बाद भी कहीं सतर्कता खड़ी होती नहीं दिखती। वाहनों की तेज रफ्तार पर ब्रेक लग पा रहा है और न यातायात नियमों के उल्लंघन पर रोक।
कुशीनगर : हाईवे पर हो रही लगातार दुर्घटनाओं के बाद भी कहीं 'सतर्कता' खड़ी होती नहीं दिखती। वाहनों की तेज रफ्तार पर ब्रेक लग पा रहा है और न यातायात नियमों के उल्लंघन पर रोक।
सुरक्षित यात्रा को लेकर जागरूकता का भी अभाव दिख रहा है। अब ऐसे में दुर्घटनाएं रुकें भी तो कैसे? सतर्कता के उपाय नाकाफी दिख रहे हैं। बदहाल सड़कों को लेकर भी जो तत्परता दिखनी चाहिए नहीं दिखती। दुर्घटना का कारक बनी इन सड़कों की मरम्मत में काफी वक्त लग जाता है।
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सड़कों पर खड़ी है बदहाली
हाईवे पर मार्ग दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है। मसलन फोरलेन पर सुकरौली से सलेमगढ़ के बीच अनके स्थान पर सड़कें दबी हैं। कट वाले स्थानों पर संकेतक न होने से सर्वाधिक घटनाएं हो रही हैं। टोल प्लाजा के जीएम आइके सिंह कहते हैं कि फोरलेन पर जहां-जहां गड्ढे थे, बनवा दिए गए है। संकेतक भी लगवाए गए हैं।
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हाईवे पर हुई दुर्घटनाएं
-21 जनवरी की शाम अलग-अलग दुर्घटनाओं में एक मासूम समेत तीन लोगों की जान चली गई। 19 जनवरी को हाईवे पर दो लोगों की तेज रफ्तार अज्ञात वाहन की चपेट में आने से मौत हो गई। नवंबर 2019 में फोरलेन पर हेतिमपुर टोल प्लाजा के निकट हुई दुर्घटना में पांच लोगों की मौत हो गई थी। पिछले दो महीने में तीन दर्जन सड़क हादसों में 14 लोगों को जान गंवानी पड़ी। ये बस उदाहरण भर हैं, ऐसी दुर्घटनाओं की लंबी फेहरिश्त है।
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फोरलेन पर आनी वाली खामियों को दुरुस्त कराया जा रहा है। कमियों को ठीक कराने का निर्देश गया है।
श्रीप्रकाश पाठक, क्षेत्रीय अधिकारी, एनएचआइ