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अब कार्यदायी एजेंसी के रूप में पंजीकृत होंगी ग्राम पंचायतें

विकास कार्यों के नाम पर धांधली व मनमानी करने वाले प्रधानों व सचिवों के लिए बुरी खबर है। वे फर्म द्वारा कराए कार्य अथवा मजदूरों के पैसे की बंदरबांट नहीं कर सकेंगे, बल्कि भुगतान सीधे लाभार्थियों के खाते में चला जाएगा

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Jul 2018 12:03 AM (IST)Updated: Fri, 20 Jul 2018 12:03 AM (IST)
अब कार्यदायी एजेंसी के रूप में पंजीकृत होंगी ग्राम पंचायतें
अब कार्यदायी एजेंसी के रूप में पंजीकृत होंगी ग्राम पंचायतें

कुशीनगर : विकास कार्यों के नाम पर धांधली व मनमानी करने वाले प्रधानों व सचिवों के लिए बुरी खबर है। वे फर्म द्वारा कराए कार्य अथवा मजदूरों के पैसे की बंदरबांट नहीं कर सकेंगे, बल्कि भुगतान सीधे लाभार्थियों के खाते में चला जाएगा। सीधे इस ट्रांजेक्शन व्यवस्था से बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी, तो विकास कार्यों में भेदभाव का मौका भी समाप्त होगा। पारदर्शी व्यवस्था को लेकर भारत सरकार ने पीएफएमएस (पब्लिक फाइनेंसियल मैनेजमेंट सिस्टम) पोर्टल लांच किया है, इसमें सभी ग्राम पंचायतें कार्यदायी एजेंसी के रूप में पंजीकृत होंगी, तभी इन ग्राम पंचायतों के खाते में पैसा रिलीज होगा। भुगतान की इस नई व्यवस्था से प्रधानों व सचिवों की मनमानी नहीं चलेगी। बेवसाइट पर पंजीकृत ग्राम पंचायतों द्वारा 14 वें वित्त से कराए गए कार्य व संबंधित फर्म का खाता व नाम तथा मजदूरों के नाम व खाता संख्या भी अपलोड करना होगा, ताकि पंचायतीराज विभाग लाभार्थियों के खाते में पैसा ट्रांसफर कर सके। अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो इस व्यवस्था से मनमानी पर पूर्णतया अंकुश लगेगा, तो गांवों में विकास कार्यों को गति मिलेगी। इस साफ्टवेयर में मजदूर या फर्म तथा विभाग के बीच में पंजीकृत ग्राम पंचायतें एजेंसी के रूप में काम करेंगी। शासन स्तर पर 31 जुलाई तक पंजीकरण कराने की तिथि निर्धारित है।

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साफ्टवेयर रखेगा हिसाब-किताब

-भारत सरकार के नए साफ्टवेयर पर रजिस्टर्ड ग्राम पंचायतों के 14 वें वित्त के तहत कराए जाने वाले सभी कार्य व भुगतान का हिसाब किताब रखने में आसानी होगी, तो एक क्लिक में सभी कार्यों को अलावा भुगतान का ब्योरा भी मिल जाएगा। पंचायतों में पेयजल योजना, नाली व खड़ंजा तथा पाइप लाइन के साथ कार्य करने वाले मजदूरों के खाते में विभाग सीधे भुगतान करेगा। जनपद के 14 ब्लाकों के 1049 ग्राम पंचायतों में यह व्यवस्था लागू होगी।

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धांधली पर लगेगी अंकुश

-पहले प्रधान व सचिव एक ही कार्य के नाम पर प्रति वर्ष लाखों रुपये धन की बंदरबांट कर लेते थे। मिट्टी भराई से लेकर नाली व खड़ंजा बनवाने में बिना कार्य कराए ही भुगतान ले लिया जाता था। अब जब पोर्टल पर ब्योरा अपलोड होगा, तो पूर्व व वर्तमान में कराए जाने वाले विकास कार्यों के नाम पर धांधली बंद हो जाएगी।

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एजेंसी के रूप में ग्राम पंचायतों का शुरू होगा पंजीकरण:डीपीआरओ

-गांवों के विकास में कोई धांधली या गड़बड़ी की कोई गुंजाइश न रहे इसके लिए भारत सरकार ने नया बेवसाइट पब्लिक फाइनेंसियल मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया है। इस सिस्टम की पारदर्शी व्यवस्था में सचिव व प्रधानों की मनमानी नहीं चलेगी और गांवों में विकास कार्यों को गति मिलेगी। इसके लिए ग्राम पंचायतों को निर्देशित किया गया है कि 31 जुलाई के पूर्व तक अपना पंजीकरण अवश्य करा लें, ताकि 14 वें वित्त का पैसा संबंधित के खातों में भेजा जा सके।


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