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पहाड़ की बारिश से मचेगी तबाही

नारायणी नदी के किनारे स्थित एपी बांध किमी जीरो पिपराघाट से किमी 17.115 अहिरौलीदान तक है। बांध बचाने के लिए विभाग द्वारा भेजे गए प्रस्ताव के तहत पांच प्वाइंटों पर स्पर पुनस्र्थापना रिवेटमेंट स्टड निर्माण आदि के लिए तीन परियोजनाओं पर शासन से 2634.55 लाख की स्वीकृति दी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 11:47 PM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 11:47 PM (IST)
पहाड़ की बारिश से मचेगी तबाही
पहाड़ की बारिश से मचेगी तबाही

कुशीनगर: कुशीनगर में इस बार भी बाढ़ की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। पिछले साल की अपेक्षा इस बार अधिक बारिश होने की संभावना के चलते बाढ़ से प्रभावित इलाकों के ग्रामीण भयभीत हैं। नेपाल के पहाड़ी इलाके से आने वाले पानी से नारायणी के जलस्तर में वृद्धि जर्जर बंधों के लिए खतरनाक होगी, क्योंकि सभी बंधे रेनकेट व पानी के दबाव से पहले से जूझ रहे हैं। कहीं स्पर पानी में विलीन हो चुका है तो नोज भी बह चुका है। यहां तक कि बंधे को ठोकरों पर भी पानी का दबाव व स्पर आदि क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। ऐसे में डिस्चार्ज बढ़ते ही बंधा एक लाख क्यूसेक से अधिक बेगवती नदी की धारा बंधे को तोड़ देगी। जिले के एपी, अमवा खास व पिपरा-पिपरासी तथा छितौनी बंधे की टूटी सड़कें व जर्जर बांध घातक होंगे। पिछली बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुए बंधे और सड़कें अभी तक दुरुस्त नहीं हो सकी हैं। एक बार फिर लोगों को नारायणी के कहर का शिकार होना पड़ेगा। क्योंकि मरम्मत के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च हो तो गए, लेकिन कोई स्थाई समाधान नहीं निकला। इन क्षेत्रों में रहने वाले करीब 60 से 70 हजार की आबादी प्रभावित होगी। प्रभावित होने वाले छह ब्लाकों में तमकुहीराज, सेवरही, दुदही, विशुनपुरा, खड्डा, हाटा शामिल हैं। बाढ़ से प्रभावित ग्रामीणों में रामेश्वर, गणेश व धनेश कहते हैं कि केवल बाढ़ आने पर ही अधिकारी दौड़ लगाते हैं। एपी बांध से सटे वर्ष 1984 में आई भीषण बाढ़ के बाद से हर साल इन इलाकों के लोग नारायणी का कहर झेलते हैं। स्वीकृत धनराशि को मंगाने के प्रति विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है, तो अधिशासी अधिकारी भी बेपरवाह हैं।

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परियोजना स्वीकृत, नहीं मिली धनराशि

-नारायणी नदी के किनारे स्थित एपी बांध किमी जीरो पिपराघाट से किमी 17.115 अहिरौलीदान तक है। बांध बचाने के लिए विभाग द्वारा भेजे गए प्रस्ताव के तहत पांच प्वाइंटों पर स्पर पुनस्र्थापना, रिवेटमेंट, स्टड निर्माण आदि के लिए तीन परियोजनाओं पर शासन से 2634.55 लाख की स्वीकृति दी है। इनमें बांध के किमी 1.7 नरवाजोत बांध के स्पर पर पुनस्र्थापना के लिए 863.35 लाख, किमी 12 से 12.850 बाघाचौर में रिवेटमेंट व स्टड निर्माण के मद में 852.32 लाख व किमी 12.860 बाघाचौर में स्पर की पुनस्र्थापना के लिए 918.88 लाख की धनराशि शामिल है। किमी 2.800 चैनपट्टी व किमी 3.300 जवही दयाल के पास स्पर पुनस्र्थापना के लिए 849.29 लाख रुपये की लागत के भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकृत नहीं मिली। गांवों को बाढ़ से बचाने के लिए सात दशक पहले 14 किलोमीटर लंबी छितौनी तटबंध के तीन ठोकर की मरम्मत पर 10.40 करोड़ रुपये की स्वीकृत हुआ, जिससे तटबंध के 10.260 किमी, 10.310 किमी, 10.377 किमी पर स्परों को सुदृढ़ होना है।

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आठ परियोजनाओं के लिए भेजे गए प्रस्ताव में से छह स्वीकृत हो चुकी है, लेकिन धनराशि अभी अवमुक्त नहीं हुआ है।

- महेश कुमार सिंह, अधिशासी अभियंता, बाढ़ खंड


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