त्याग व बलिदान का परिचायक है महाराणा प्रताप का जीवन
कुशीनगर के हाटा में महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कुशीनगर: महाराणा प्रताप का नाम लेते ही मुगल साम्राज्य को चुनौती देने वाले वीर योद्धा का चित्र आंखों के सामने उभर आता है। महाराणा प्रताप का जीवन त्याग, संघर्ष व बलिदान का परिचायक है।
यह बातें पूर्व राज्यमंत्री राधेश्याम सिहं ने कही। वे मंगलवार को हाटा नगर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में महापुरुषों की उपेक्षा की जा रही है। 19 जनवरी को महाराणा प्रताप की पुण्य तिथि है और नगर पालिका द्वारा केन यूनियन चौराहे पर लगाए गए महाराणा प्रताप की मूर्ति व चबूतरे को साफ तक नहीं कराया गया है। गौरी चौराहे पर लगाए गए महात्मा गांधी के चबूतरे को भी तोड़ दिया गया है।
डा. ज्ञानेश सिंह, वीरेंद्र नाथ तिवारी, हरेंद्र राव, दिग्विजय सिंह उर्फ लक्ष्मण ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। इससे पूर्व राज्यमंत्री ने नगर के महाराणा प्रताप चौक पर लगी उनकी प्रतिमा का माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया।
टीपू खान, राजन तिवारी, विनय मिश्र, सैफुद्दीन आलम, ध्रुव यादव, कपिलेश्वर बर्नवाल, हरेराम सिंह, विशाल बाबा, लक्ष्मी सिंह, मुकेश यादव, गोरख यादव, रईस आलम, सचिन यादव सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।
महाराणा प्रताप ने देशभक्ति से नहीं किया समझौता
महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि पर खड्डा कस्बा में स्थापित उनकी प्रतिमा पर एसडीएम अरविद कुमार ने माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। कहा कि महाराणा प्रताप भारत से सच्चे सपूत व महान योद्धा थे। कार्यक्रम में तहसीलदार डा. एसके राय, नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी देवेश कुमार मिश्र, वरिष्ठ लिपिक राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, रमेश चंद्र श्रीवास्तव, एसआइ राजेंद्र राय, कांस्टेबल उमाशंकर यादव, बाबूलाल चौहान, जितेंद्र भारती, मुन्ना, आजाद आदि मौजूद रहे।