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कुशीनगर में सैकड़ों नेपाल मूल के लोग बन गए भारतीय

कुशीनगर के खड्डा इलाके में नेपाल मूल के लोगों को दी जा रही भारत की नागरिकता पर सवाल खड़ा होने लगा है। माओवाद से प्रभावित नेपाल के इस समीपवर्ती इलाके में नेपाल मूल के सैकड़ों लोग भूमि खरीद कर मकान भी बनवा लिए हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Dec 2018 11:44 PM (IST)Updated: Fri, 14 Dec 2018 11:44 PM (IST)
कुशीनगर में सैकड़ों नेपाल मूल के लोग बन गए भारतीय

कुशीनगर: कुशीनगर के खड्डा इलाके में नेपाल मूल के लोगों को दी जा रही भारत की नागरिकता पर सवाल खड़ा होने लगा है। माओवाद से प्रभावित नेपाल के इस समीपवर्ती इलाके में नेपाल मूल के सैकड़ों लोग भूमि खरीद कर मकान भी बनवा लिए हैं। उन्होंने मतदाता पहचान पत्र, राशनकार्ड व आधारकार्ड भी बनवा लिया है। डोमनपट्टी में बसे समुदाय विशेष के लोगों की पशु तस्करी में शामिल रहने की बात भी उजागर हो चुकी है, बावजूद उन्हें देश की नागरिकता दे दी गई। जानकारों का कहना है कि समय रहते अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो देश की आंतरिक सुरक्षा पर खतरा हो सकता है। व्यवस्था पर नजर डालें तो किसी भी देश में किसी व्यक्ति को नागरिक तब माना जाता, जब उसे राज्य की ओर से राजनीतिक और नागरिक अधिकार प्रदान किया गया हो। भारत में नागरिकता को सरल बनाते हुए नागरिकता संशोधन अधिनियम 1986 लाया गया था। जिसमें यह व्यवस्था की गई है कि देश में जन्म लेने वाले किसी व्यक्ति को नागरिकता तभी प्राप्त होगी, जब उसके माता-पिता में से कोई एक भारत का नागरिक हो। भारत में नागरिकता को वंश के सिद्धांत के आधार पर अपनाया गया है। नेपाल मूल के नागरिक बेरोकटोक कुशीनगर जनपद की उत्तरी छोर पर स्थित बिहार प्रांत की सीमा से सटे खड्डा कस्बा सहित कई गांवों में भूमि खरीद कर आशियाना बना लिए हैं। बीते दो दशक में इनकी संख्या तेजी से बढ़ी है। इनके पास मतदाता पहचान पत्र, राशनकार्ड व आधार कार्ड भी है। यहां की राजनीति में भी इनकी दिलचस्पी बढ़ गई है। कस्बा के नेहरू नगर, पटेलनगर आदि वार्डों में बकायदा नागरिकता भी ले चुके हैं। डोमनपट्टी सहित कुछ अन्य गांवों में बीते डेढ़ दशक से पशु तस्करी में संलिप्त समुदाय विशेष के दर्जनों लोग अपना पक्का घर बना पूरी तरह भारतीय नागरिक बन चुके हैं। सवाल यह उठता है कि जब इनके माता-पिता भारतीय नहीं हैं तो उन्हें नागरिकता क्यों दी गई। खुफिया एजेंसी व अन्य जिम्मेदारों की नजर इस तरफ क्यों नहीं पड़ रही। भौगोलिक दृष्टि से अति संवेदनशील खड्डा तहसील क्षेत्र में माओवाद से प्रभावित नेपाली मूल के लोगों की नागरिकता लेना आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है।

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क्या कहते हैं जिम्मेदार

-नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी संतोष वर्मा व एसडीएम अरिवंद कुमार ने संयुक्त रूप कहा कि मामला संज्ञान में आया है। ऐसे लोगों को चिह्नित कराया जाएगा और जांच करा कर उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाएगी।

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कराई जाएगी जांच, होगी कार्रवाई: डीएम

डीएम डॉ. अनिल कुमार ¨सह ने कहा कि मामला गंभीर है। नेपाल मूल के लोगों को भारत की नागरिकता कैसे दे दी गई, इसकी जांच कराई जाएगी। उनको बसने की इजाजत कैसे मिली और नागरिकता के नियमों का पालन किया गया कि नहीं यह भी देखा जाएगा। मेरी जानकारी में नागरिकता दिए जाने का मामला नहीं है।


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