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इंडो-थाई संबंधों को प्रगाढ़ कर रहा कुशीनगर का थाई मोनास्ट्री

यूं तो भारत-थाईलैंड के संबंध प्राचीन काल से चले आ रहे हैं पर इधर दो दशक से कुशीनगर के थाई मोनास्ट्री ने भी संबंधों को प्रगाढ़ बनाने में खासी भूमिका निभाई है। मोनास्ट्री की गतिविधियों से न केवल दोनों देशों की संस्कृतियां साझा हो रही हैं बल्कि दोनों देशों के नागरिक भाषा व कला खेल व रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से एक दूसरे के नजदीक हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 11:37 PM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 06:07 AM (IST)
इंडो-थाई संबंधों को प्रगाढ़ कर रहा कुशीनगर का थाई मोनास्ट्री
इंडो-थाई संबंधों को प्रगाढ़ कर रहा कुशीनगर का थाई मोनास्ट्री

कुशीनगर : यूं तो भारत-थाईलैंड के संबंध प्राचीन काल से चले आ रहे हैं, पर इधर दो दशक से कुशीनगर के थाई मोनास्ट्री ने भी संबंधों को प्रगाढ़ बनाने में खासी भूमिका निभाई है। मोनास्ट्री की गतिविधियों से न केवल दोनों देशों की संस्कृतियां साझा हो रही हैं, बल्कि दोनों देशों के नागरिक भाषा व कला, खेल व रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से एक दूसरे के नजदीक हो रहे हैं।

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21 फरवरी को यहां थाई राजकुमारी चुलबोर्न के आगमन से लोग मोनास्ट्री की भूमिका को फिर सराहने लगे हैं। वर्ष 2007 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने यहां घंटों व्यतीत कर गतिविधियों को सराहा था। चुलबोर्न थाईलैंड के दिवंगत महाराजा भूमिबोल अदुल्यदेज की छोटी पुत्री हैं। इसके पूर्व महाराज की बड़ी पुत्री राजकुमारी महाचक्री सिरोंधान का दो बार कुशीनगर आगमन हो चुका है। यानी दो दशकों में थाई राजपरिवार के सदस्य का यह तीसरा दौरा है। वर्ष 2000 में चैत्य के शिलान्यास के वक्त दूसरी बार 2005 में चैत्य के लोकार्पण के समय राजपरिवार की प्रतिनिधि के तौर पर राजकुमारी की उपस्थिति रहीं। स्थानीय स्तर पर मोनास्ट्री लोक कल्याण के क्षेत्र में भूमिका निभा रहा है।

लोक स्वास्थ्य के स्तर पर थाई क्लीनिक के चिकित्सक इलाके के निर्धन परिवारों को परामर्श, परीक्षण, दवा, एंबुलेंस की सुविधा मुहैया करा रहे हैं। दूसरी तरफ बालकों के शैक्षिक विकास के क्रम में गायन, वादन, खेल, संस्कृति, स्टेशनरी ड्रेस वितरण, निबंध, वाद-विवाद प्रतियोगिता के माध्यम से भी यह योगदान दे रहा। वर्ष में एक बार आयोजित होने वाले थाई फेस्टिवल में दोनों देशों की कला व संस्कृति के विविध साझा रूप देखकर संबंधों की बढ़ती प्रगाढ़ता को मापा जा सकता है।

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फोटो 20 पीएडी- 24

बौद्ध र्सिकट का पर्यटन कारोबार थाईलैंड पर टिका हुआ है। अकेले 50 फीसद थाई बौद्ध र्सिकट में आते हैं। दोनों सिर्फ कला व संस्कृति ही नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी साझा कर रहे हैं।

पंकज कुमार, प्रमुख पर्यटन कारोबारी

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पर्यटन विभाग का थाई सैलानियों पर विशेष फोकस है। पर्यटन विकास में भी मोनास्ट्री योगदान दे रहा है। समन्वय बनाकर थाई सैलानियों को बेहतर सुविधा मुहैया कराई जाती है।

प्राण रंजन, पर्यटन सूचना अधिकारी, कुशीनगर


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