गरीबों की पहुंच से दूर होती जा रही मिट्टी तेल
कुशीनगर : मिट्टी तेल की दर में प्रति पखवारा हो रही 25 पैसे की बढ़ोत्तरी ने गरीबों को मुि
कुशीनगर : मिट्टी तेल की दर में प्रति पखवारा हो रही 25 पैसे की बढ़ोत्तरी ने गरीबों को मुश्किल में डाल दिया है। पिछले 40 महीने में लगभग 9.66 रुपये दाम बढ़ने से लाभार्थी तेल लेने में अपने को असहज पा रहे हैं। सरकार के इस निर्णय से लाभार्थियों को मिट्टी तेल के भरोसे घर में लालटेन जलाने की हसरत पूरी होती नहीं दिख रही है। फरवरी 2016 में मिट्टी तेल देवरिया के बैतालपुर डिपो की दूरी के हिसाब से कार्डधारकों को 15 रुपये से लेकर 15.40 रुपये की दर से मिल रहा था, जो चार महीने पूर्व तक यह दर 52 पैसे प्रति माह था, जो इधर एक महीने से 50 पैसे की दर से प्रति महीने बढ़ोत्तरी की वजह से मई 2018 में 25.06 रुपये पहुंच गई है। इधर दो महीने से प्रति पखवारा 25 पैसे की बढ़ोत्तरी होने से अब महीने में 50 पैसे की बढ़ोत्तरी हो रही है। अगर इसी दर में इसी तरह मूल्य में बढ़ोत्तरी होती रही, तो गरीबों की पहुंच से मिट्टी तेल दूर हो जाएगा। इससे आम लोगों की परेशानी का सामना का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। बिहार बार्डर से जुड़े इस 38 लाख की आबादी के लिए मिट्टी तेल का आंवटन तीन वर्ष पूर्व 1954 केएल था, जो घटते-घटते अब 1704 केएल पहुंच गया है। जनपद की साठ फीसद आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, जहां बिजली की सुविधा न होने के कारण मिट्टी तेल के माध्यम से देहात में घर रोशन होते हैं।
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फिर कम हुआ आंवटन
-आपूर्ति विभाग की मानें तो अप्रैल 2015 के पूर्व 1940 केएल किलोलीटर से घटते-घटते फरवरी 2017 तक 936 केएल हो गया था, जो मार्च में बढ़कर 1800 केएल हो गया। इसके बाद जुलाई, अगस्त व सितंबर में घटकर 1788 केएल पहुंच गया। बाद में 1704 व फिर 1692 केएल हो गया। इस प्रकार एक वर्ष में 108 केएल की कटौती हुई। खुले बाजार में मिट्टी तेल 40 से 50 रुपये में बेचा जा रहा है। अब अंत्योदय कार्डधारकों को साढ़े तीन लीटर प्रति कार्ड व पात्र गृहस्थी वाले लाभार्थियों को दो लीटर निर्धारित दर पर मिलेगा। इसमें अंत्योदय में 117136 व पात्र गृहस्थी में 642618 कार्डधारक शामिल है।
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पात्रों में यह हैं शामिल
-अंत्योदय कार्डधारी को साढ़े तीन लीटर
-पात्र गृहस्थी को दो लीटर
-एपीएल को नहीं मिलेगा
----- कार्डधारक बोले-सुधार करे सरकार
-कार्डधारक कपिल गुप्ता कहते हैं कि चूंकि मिट्टी तेल महंगा होता जा रहा है और कोटे की दुकान से एक ही बार में पूरा लेना पड़ेगा। इसलिए पैसे की व्यवस्था करने में दिक्कत हो रही है। राधेश्याम श्रीवास्तव कहते हैं कि खुले बाजार से अंतर काफी कम रह गया है। इसलिए जरूरत के अनुसार दुकान से खरीद लेते हैं। कल्लू मियां व शकीना कहते हैं कि तेल का मूल्य सरकार कम करे, जिससे घरों में रोशनी का इंतजाम हो सके।
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-शासन के निर्देश पर बढ़ रहा दर
-जिला पूर्ति अधिकारी विमल कुमार शुक्ल कहते हैं कि प्रत्येक 15 दिन पर पूर्व में 26 पैसे व महीने में 52 पैसे की बढ़ोत्तरी हो रही थी, अब घट प्रति पखवारा 25 पैसे व महीने में 50 पैसा हो गया है। बताया कि शासन के निर्देश पर ऊपर से ही तेल कंपनियां मैसेज भेजती हैं, जो विभाग के साथ तेल डिपो व संबंधित कोटेदारों के पास सीधे आती हैं।