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गैर इरादतन हत्या में दस वर्ष की सजा

कुशीनगर: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्यवीर ¨सह यादव एफटीसी कोर्ट संख्या एक की अदालत ने सोम

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Oct 2017 11:21 PM (IST)Updated: Mon, 30 Oct 2017 11:21 PM (IST)
गैर इरादतन हत्या में दस वर्ष की सजा
गैर इरादतन हत्या में दस वर्ष की सजा

कुशीनगर: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्यवीर ¨सह यादव एफटीसी कोर्ट संख्या एक की अदालत ने सोमवार को गैर इरादतन हत्या के आरोपी को दोषी ठहराते हुए दस वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने अभियुक्त पर 20 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड जमा न करने पर अभियुक्त को छह माह अतिरिक्त सजा काटनी होगी। न्यायालय में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रामवृक्ष यादव का कथन था कि वादी सीताराम निवासी अगया थाना कप्तानगंज ने एक नंवबर 2000 को थाने में तहरीर देकर बताया कि उनके भाई रामज्ञानी अपने जमीन पर पुआल रखे थे। आज सुबह पट्टीदार कन्हई, सुरेश तथा लालती पुआल फेंकने लगे। जानकारी पर रामज्ञानी मौके पर पहुंचे और मना करने लगे, तो आरोपियों ने उन पर लाठी, डंडे से हमला बोल दिया। इसमें लहूलुहान होकर वह जमीन पर गिर पड़े। सूचना पर परिजन मौके पर पहुंचे और इलाज के लिए रामज्ञानी को बोदरवार स्थित प्राथमिक अस्पताल ले गए। प्राथमिक इलाज के बाद डाक्टर ने रामज्ञानी को मेडिकल कालेज भेज दिया। परिजन उन्हें मेडिकल कालेज ले जा रहे थे कि रास्ते में उनकी मौत हो गई। तहरीर के आधार पर पुलिस ने मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज कर बाद विवेचना आरोपियों के खिलाफ आरोप-पत्र न्यायालय में दाखिल किया। जहां दाखिल पत्रावलियों, प्रस्तुत सबूतों, गवाहों के बयान तथा उभयपक्षों के तर्काें को सुनने के बाद विद्वान न्यायाधीश ने कन्हई को गैर इरादतन हत्या का दोषी पाया और उक्त सजा सुनाई।


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