कुशीनगर में डग्गामार वाहनों से यात्रा, जोखिम में जान
कुशीनगर में पंपिग सेट पर जुगाड़ से बनी सवारी गाड़ियों की भरमार नौ किमी की दूरी के लिए 25 से 30 रुपये किराया।
कुशीनगर : समउर कस्बे से आवागमन के लिए डग्गामार वाहनों का ही सहारा हैं। पंपिग सेट पर जुगाड़ से बनी सवारी गाड़ी के सहारे लोग गंतव्य तक जाने को मजबूर हैं। मनमाना किराया वसूलने वाले इन वाहनों से पर्यावरण को खतरा है वहीं लोगों की जान जोखिम में डाल रहे हैं। जिम्मेदारों के मौन होने से इनकी संख्या बढ़ती जा रही है।
समउर-तमकुही व समउर-फाजिलनगर मार्ग पर सरकारी बसों की सुविधा न होने से लोग प्राइवेट सवारी गाड़ियों से यात्रा करते हैं। अधिकतर वाहन डग्गामार हैं और बगैर लाइसेंस व रोड-टैक्स चुकाए चल रहे हैं। यह मात्र नौ किमी की दूरी का किराया 25 से 30 रुपये ले रहे हैं। यात्रियों को वाहन में भूसे के माफिक ठूंसकर बैठा दिया जाता है।
कस्बा निवासी सोनेलाल, हरिलाल, मुसाहेब, गप्पू निजाम, संतोष, महेश खरवार, दूधनाथ आदि ने इस रूट पर परिवहन निगम की बस संचालन के साथ जिला मुख्यालय तक चलने वाली प्राइवेट बसों के संचालन की मांग की है। जिससे आम यात्रियों को यातायात में सुविधा हो तथा डग्गामार वाहनों की मनमानी रुके।
यहां नहीं चलते वाहन, निजी साधन का सहारा
उप्र-बिहार सीमा पर सलेमगढ़ में राष्ट्रीय राजमार्ग से लिक रोड रामपुर बंगरा वाया अहिरौलीदान की 15 किमी सड़क पर यात्री वाहन नहीं चलते हैं। संसाधन की कमी परेशानी में डाल देती है। जिससे राहगीरों के अपने निजी साधन से आवागमन करना पड़ता हैं।
स्थानीय निवासी योगेंद्र सिंह का कहना है कि जब कुशीनगर जिला नहीं बना था तब यहां देवरिया के लिए बस चलती थी। एसडीएम एआर फारूकी ने कहा कि इस रूट पर बस चलाने के लिए एआरएम को पत्र भेजा जाएगा।