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कुशनगर में एएनएम सेंटर का ग्रामीणों को नहीं मिल रहा लाभ

कुशीनगर का सिरसिया खोहिया गांव के एएनएम सेंटर का भवन जर्जर होने से गांव में बैठती हैं तैनात एएनएम प्रसव पीड़ित महिलाओं को समय से नहीं मिल पाती सुविधा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 12:21 AM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2020 12:21 AM (IST)
कुशनगर में एएनएम सेंटर का ग्रामीणों को नहीं मिल रहा लाभ
कुशनगर में एएनएम सेंटर का ग्रामीणों को नहीं मिल रहा लाभ

कुशीनगर: कसया ब्लाक के सिरसिया खोहिया गांव में तीन दशक पूर्व बना एएनएम केंद्र विभागीय लापरवाही की गवाही दे रहा है। केंद्र का भवन जर्जर हो गया है।

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गर्भवती महिलाओं की देखभाल व बच्चों के टीकाकरण के लिए यहां दो एएनएम तैनात हैं जो गांव में बैठती हैं। भवन के अभाव में प्रसव पीड़ित महिलाओं को काफी दिक्कत होती है। इस केंद्र से जुड़े पिपराझाम, मंगलपुर, मधवापुर, सिरसिया खोहियां, खेदनी, रघुनाथपुर, बजरकेरइया, छेरिहवां, हतवा आदि गांवों को कोई सुविधा नहीं मिलती है। क्षेत्र के अशोक चौबे, सुधारंजन चौबे, गोरख यादव, नित्यानंदन यादव, धनंजय सिंह, संतोष सिंह, अविनाश वर्मा आदि का कहना है कि एएनएम सेंटर संचालित नहीं होने से छोटी-छोटी बीमारियों के लिए भी शहर जाना पड़ता है। कसया सीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी मारकंडेय चतुर्वेदी ने कहा कि रिपोर्ट विभागीय उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी, निर्देशानुसार कार्रवाई होगी। 14 सचिवों पर 70 ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी

मोतीचक विकास खंड के 70 ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी 14 सचिवों पर है। रोस्टर के हिसाब से इन्हें गांवों में बैठ परिवार रजिस्टर की नकल, जन्म-मृत्यु पंजीकरण समेत अन्य कार्यों का निपटारा करना है। सचिवों के गांव में नहीं बैठने की वजह से ग्रामीणों को ब्लाक मुख्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है।

सचिव गीता पांडेय को एक, कमलेश कुमार को दो, मोहन सिंह को तीन, कमलेश गुप्ता को चार, मुलायम सिंह, संतोष कुमार राजभर, देवेंद्र प्रसाद, संदीप कुमार गोंड़, अश्विन कुमार आदि को पांच-पांच गांवों, अखिलेश गोंड़, अमित यादव को छह-छह, अजय प्रताप यादव, हरिकेश यादव को सात एवं अनिल कुमार तिवारी को नौ गांवों की जिम्मेदारी विभाग ने सौंपी है। गीता पांडेय अवकाश पर चल रही है। मुड़िला हरपुर गांव के मृत्युंजय द्विवेदी, सिकटिया के पवन केसरवानी, दुबौली के श्रीनिवास सिंह, सतभरिया के संजय पांडेय का कहना है कि रोस्टर के अनुसार सचिव गांवों में नहीं आते हैं। इससे परेशानी हो रही है। बीडीओ सुप्रिया का कहना है कि ग्रामीण लिखित शिकायत करें, संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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