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कुशीनगर में माघ पूर्णिमा पर भिक्षुओं ने की विशेष पूजा

कुशीनगर में बौद्ध भिक्षुओं ने माग पूर्णिमा पर देसी व विदेशी बौद्ध मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की गई बौद्ध भिक्षुओं ने महापरिनिर्वाण मंदिर की परिक्रमा की उसके बाद रामाभार स्तूप की पूजा की।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 11:30 PM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 11:30 PM (IST)
कुशीनगर में माघ पूर्णिमा पर भिक्षुओं ने की विशेष पूजा
कुशीनगर में माघ पूर्णिमा पर भिक्षुओं ने की विशेष पूजा

कुशीनगर: माघ पूर्णिमा के अवसर पर शनिवार को कुशीनगर के समस्त देशी विदेशी बौद्ध विहारों के भिक्षुओं ने महापरिनिर्वाण मंदिर में विशेष पूजा कर विश्व शांति व कल्याण की कामना की। भिक्षुओं ने बुद्ध के संदेशों को दुनिया भर में फैलाने का संकल्प दोहराया।

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पूजा के पूर्व बौद्ध भिक्षु अपने अपने बौद्ध विहारों से समूह में पहुंचे। थाई वाट, म्यांमार बौद्ध विहार, श्रीलंका बौद्ध विहार, कोरियन टेंपल, लीन्ह सन टेंपल आदि के बौद्ध भिक्षुओं ने परंपरागत परिधान में कतारबद्ध होकर पहले महापरिनिर्वाण स्तूप की परिक्रमा की। पश्चात बुद्ध की शयनमुद्रा प्रतिमा के समक्ष पाठ किया। बौद्ध भिक्षुओं ने रामाभार स्तूप की भी विशेष पूजा की। भिक्षु राहुल, भंते नन्दिका, लामा टेंकयोंग,भिक्षु अस्स जी थेरो,भिक्षु समित,भिक्षु सांगवान फ्रा डॉ वीरयुद्धो,डॉ पी खोमसान,फ्रा अथार्नधम्मानुसित, डा. भिक्षु नंद रतन, भंते महेंद्र भंते अशोक मौजूद रहे।

थाई वाट के पीआरओ अम्बिकेश त्रिपाठी ने बताया कि माघ पूर्णिमा भिक्षुओं के लिए विशेष महत्व का दिन है। इस दिन बुद्ध ने भिक्षु संघ के लिए 227 नियम प्रतिपादित किए और माघी पूर्णिमा के दिन ही तीन माह बाद कुशीनगर में निर्वाण प्राप्त करने की इच्छा जताई थी।

शतचंडी महायज्ञ की बांटी गई जिम्मेदारियां

कुबेरस्थान क्षेत्र के धर्मागर छपरा गांव स्थित मां काली स्थान परिसर में विश्व कल्याण के लिए एक मार्च से नौ दिवसीय शतचंडी महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा। महायज्ञ आयोजन समिति की शनिवार को हुई बैठक में तैयारियों की समीक्षा के बाद पदाधिकारियों को जिम्मेदारियां दी गई।

समिति के अध्यक्ष उपेंद्र तिवारी ने आयोजन में होने वाले कार्यक्रमों पर विस्तृत चर्चा की। मुंशी सिंह, दुर्गादयाल तिवारी, भीम सिंह, राजेश सिंह, शिवकुमार तिवारी, मुन्ना सिंह, अजय सिंह, सतीश मल्ल आदि मौजूद रहे।


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